संसद के चालू बजट सत्र के अंतिम दिन यानी गुरुवार को भी हंगामा जारी रहा। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने वेल में आकर स्पीकर के सामने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए। सदन में हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को देर रात तक सदन चलने की याद दिलाई। स्पीकर ने कहा कि हम सदन चलाने के लिए हर विषय पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन आप सदन नहीं चलने देना चाहते। ये संसदीय परंपरा के लिए ठीक नहीं है। स्पीकर ने हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहयोग के लिए संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद किया। स्पीकर ने सभी सदस्यों से वंदे मातरम की धुन के लिए अपनी सीट पर खड़े हो जाने के लिए कहा और उसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से सदन में मौजूद नहीं रहने के लिए हेल्थ ग्राउंड का हवाला देते हुए मिले पत्र का जिक्र किया। सभापति ने राघव चड्ढा का भी जिक्र किया। जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब कोई ये कहता है कि विपक्ष के नेता को बोलने दीजिए, ये चेयर के साथ ही विपक्ष के नेता का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी दूसरे को बोलने देने के लिए ना कहे। हर किसी को नियमों के मुताबिक बोलने का अधिकार है। राज्यसभा में भी विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रोडक्टिविटी को लेकर रिपोर्ट पढ़ी और इसके बाद राष्ट्रीय गीत की धुन बजी। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा आसन की ओर से कर दी गई।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने चालू बजट सत्र की कार्यवाही समाप्त होने के बाद सांसदों की बैठक बुलाई। इस शिष्टाचार बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही कई अन्य सांसद मौजूद रहे।
#WATCH | PM Modi attends a courtesy meeting of MPs hosted by Lok Sabha Speaker Om Birla on the last day of the Budget session of Parliament pic.twitter.com/oujKoGW267
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कांग्रेस सहित 13 विपक्षी दलों ने लोकसभा स्पीकर की पारंपरिक चाय सभा का बहिष्कार किया। संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस ने संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला। डीएमके, समाजवादी पार्टी, राजद, राकांपा और वामपंथी जैसे समान विचारधारा वाले दलों ने मार्च में हिस्सा लिया। तिरंगा मार्च में UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हुए।
लोकतंत्र की हत्या बंद करो… pic.twitter.com/dnUOZ2civU
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‘तिरंगा मार्च’ के बाद दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 19 विपक्षी दलों ने एक जॉइंट पीसी को संबोधित किया। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होने कहा कि ये सरकार अडानी की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयास किया। मोदी सरकार लोकतंत्र की बहुत बातें कहती है लेकिन जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं। 50 लाख करोड़ का बजट केवल 12 मिनट में पास किया गया है। वे हमेशा कहते रहे कि विपक्ष को दिलचस्पी नहीं है लेकिन विघ्न तो सरकार की तरफ से हुआ है”।
मोदी सरकार सिर्फ लोकतंत्र की बातें करती है लेकिन जो कहती है वो करती नहीं।
50 लाख करोड़ का बजट सिर्फ 12 मिनट में पास हो गया और सरकार कहती रही कि विपक्ष हंगामा कर रहा है।
ऐसा पहली बार हुआ जब संसद को सरकार ने नहीं चलने दिया।
: कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/cnzar2u6KI
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खरगे ने आगे कहा कि, ‘जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा। यहां 2 साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग विघ्न डालते हैं’।
उन्होंने अडानी को लेकर कहा कि, ‘हमारा सामूहिक मुद्दा था कि अडानी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? अडानी की संपत्ति केवल 2.5 साल में 12 लाख करोड़ कैसे हुई? उन्होंने सरकार का पैसा और संपत्ति खरीदी है। क्यों मोदी जी एक ही व्यक्ति को इतनी चीजें दे रहे हैं’?
LIVE: Joint Press Conference by floor leaders of like minded opposition parties at Constitution Club, New Delhi. https://t.co/NkpqezO6c7
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खरगे ने पूछा- किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से वे(अडानी) मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए। हम JPC की मांग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था। उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे। इसके बावजूद वे(भाजपा) JPC से क्यों डर रहे हैं?
अडानी किन देशों के प्रधानमंत्रियों, उद्योगपतियों से मिले? उन्हें सरकार की मदद से कौन से ऑर्डर मिले?
इस मुद्दे पर हम JPC चाहते हैं लेकिन सरकार JPC से डर रही है।
राहुल जी का सवाल घोटाले पर था लेकिन ये ध्यान भटकाने में लगे रहे।
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इससे पहले विपक्ष पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि, ‘पार्लियामेंट के बजट सेशन के आखिरी दिन भी कांग्रेस ने सदन नहीं चलने दिया। काले कपड़े पहनकर वेल में आ गए। ये लोकतांत्रिक व्यवस्था को नहीं मानते। अपने एक नेता के लिए पूरे संसद और देश को हाईजैक कर रहे। कोर्ट को भी दबाव में लेने के लिए सूरत में इतना बड़ा जत्था लेकर पहुंच गए’।
खरगे ने कहा कि, ‘वे(बीजेपी ) खुद नहीं मानते। कभी आपने सुना है कि सरकार के लोग ही माफी मांगो- माफी मांगो बोलकर सदन न चलने दें? वे संविधान को नहीं मानते, लोकतंत्र को नहीं मानते।
रिजिजू के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने ही संसद नहीं चलने दी। वेणुगोपाल ने कहा- “वे अडानी घोटाले पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते?”
बता दें कि विपक्षी दल संसद के बजट सत्र के दौरान समन्वय प्रदर्शित करते रहे हैं और संसद सत्र के 13 मार्च को शुरू होने के बाद से संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं। वे संयुक्त जेपीसी से अडानी मामले की जांच की मांग कर रहे हैं और उन्होंने इस मामले को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में लगातार उठाया है। बीजेपी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ब्रिटेन में की गई उनकी लोकतंत्र संबंधी टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग कर रही है तो वहीं विपक्ष अडानी मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है।