लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोशिश की अगुवाई कांग्रेस पार्टी कर रही है। जानकारी के मुताबिक़ आगामी सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी दलों को लोकसभा में कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है। कांग्रेस पार्टी इस संख्या तक पहुंचने के लिए अन्य विपक्षी दलों से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है।
Opposition parties may bring a no-confidence motion against Lok Sabha Speaker Om Birla on Monday. The proposal was kept in a meeting of Congress MPs. Congress is talking to other Opposition parties in this regard: Sources
— ANI (@ANI) March 28, 2023
सदन में विपक्ष की आवाज दबाए जाने के दावों से लेकर, राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बमुश्किल 24 घंटे बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने तक, विपक्षी दल उपरोक्त मुद्दों पर अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।
हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी है कि सदन की कार्यवाही चले और मौजूदा हालात में लोकसभा की कार्यवाही चलेगी, इसके आसार बहुत कम नजर आ रहे हैं।
मालूम हो कि अविश्वास प्रस्ताव कम से कम 14 दिन पहले सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद लोकसभा स्पीकर सदन की कार्यवाही के दौरान मौजूद तो रह सकता है, लेकिन इसका संचालन नहीं कर सकता है। लोकसभा स्पीकर को सदन में बहुमत से पारित प्रस्ताव के जरिए पद से हटाया जा सकता है। इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 94 और 96 में है। संविधान के मुताबिक बहुमत से पारित प्रस्ताव के जरिए लोकसभा स्पीकर को पद से हटाया जा सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को संसद सदस्य के पद से अयोग्य ठहराए जाने के बाद मची अफरातफरी के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस द्वारा लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करने के पीछे का क्या कारण है।
इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। केसी वेणुगोपाल ने कहा- “यह सरकार अडानी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। आज भी हमने इस घोटाले की जेपीसी जांच की मांग की। अगर सरकार दोषी नहीं है, तो वह इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों भाग रही है?”
जयराम रमेश ने कहा कि अगले 30 दिनों में देश भर में ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन किया जाएगा।
बता दें कि हाल ही में संसद सत्र के दौरान, कई मौकों पर कांग्रेस ने शिकायत की कि विपक्ष की मांगों को चुप कराने के लिए सदन में उनके माइक्रोफोन को म्यूट किया जा रहा है। इससे पहले 17 मार्च को, कांग्रेस ने ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप साझा किया था, जिसमें विपक्ष के विरोध के दौरान लोकसभा में ऑडियो शांत हो गया था।