कर्नाटक के मंगलुरु में बजरंग दल के छह कार्यकर्ताओं ने रविवार को एक होली पार्टी को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने होली पार्टी पर आपत्ति जताई थी, जिसमें दावा किया गया था कि इस उत्सव में अन्य धर्मों के लोग भी शामिल थे और धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे थे। उसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और होली पार्टी के आयोजकों के बीच बहस हो गई और उपद्रवियों ने परिसर में लगे बैनर फाड़ दिए।
सूत्रों ने कहा कि बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता रविवार को मरोली में आयोजित होली कार्यक्रम ‘रंग दे बरसा’ में घुस गए थे और परिसर में तोड़फोड़ की थी। युवा लड़के और लड़कियां होली पार्टी का आनंद ले रहे थे, एक दूसरे पर रंग फेंक रहे थे, तभी दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने यह कहते हुए कार्यक्रम को बाधित कर दिया कि युवा अभद्र व्यवहार कर रहे हैं।
वायरल वीडियो में उनमें (उपद्रवियों) से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमने आपको कार्यक्रम को बंद करने के लिए कहा है।” “लेकिन आप सुन नहीं रहे हैं। सांसद और विधायकों के नाम यहां न लाएं। हम कार्यक्रम को रोकने के लिए कार्रवाई करेंगे।”
Six #BajrangDal members detained by #Mangaluru police for raiding a #Holi DJ party. Even though, they had proper permission.
Dal members barged into the event, tore the banners & allegedly roughed up some of the members.
They have been brought to station & inquiry is on. pic.twitter.com/dhppNjjZQc
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) March 26, 2023
शहर के पुलिस आयुक्त कुलदीप कुमार आर जैन ने कहा कि पुलिस के त्वरित हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रण में आई। कुलदीप कुमार ने कहा कि बजरंग दल के छह सदस्य सूर्या फूड्स स्थल पर गए थे और वहां हो रहे कार्यक्रम को बाधित किया। पुलिस ने आयोजक की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
इस घटना के बाद मेंगलुरु पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनकी पहचान गणेश अटावर, जय प्रशांत, बालचंदर, अक्षय, चिराग और मिथुन के रूप में हुई है।
बता दें कि इससे पहले बजरंग दल के एक समूह ने 18 मार्च को कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक “लेडीज नाइट” कार्यक्रम को रोक दिया था। बजरंग दल के जिला संयोजक राजेश गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा था कि, “हम शिवमोग्गा में इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमारा शहर दूसरा मणिपाल बने।”