कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक की 224 सीटों पर 10 मई को एक चरण में मतदान होगा, जबकि परिणाम 13 मई को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आदर्श आचार संहिता आज (29 मार्च) से लागू हो गई है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव मई 2018 में हुआ था।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 24 मई को कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इससे पहले चुनावी प्रक्रिया खत्म होगी। चुनाव आयोग का लक्ष्य निष्पक्ष चुनाव कराना है।
– नोटिफिकेशन की तारीख -13 अप्रैल
– नामांकन की आखिरी तारीख – 20 अप्रैल
– नामांकन की स्क्रूटनी – 21 अप्रैल
– नामांकन वापस लेने की तारीख – 24 अप्रैल
– मतदान – 10 मई
– नतीजे – 13 मई
चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि-
– कुल वोटरों की संख्या – 5, 21, 73, 579
– नए वोटर – 9.17 लाख
– 100 से ज्यादा उम्र के मतदाता – 16 हजार से अधिक
– 80 साल से ज्यादा उम्र के वोटर घर से वोट कर सकेंगे।
– 1 अप्रैल को जिनकी उम्र 18 साल हो रही है, वे भी वोट कर सकेंगे।
– 224 ऐसे बूथ बनाए गए हैं, जिनमें यूथ कर्मचारी तैनात रहेंगे।
– 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे।
वर्तमान में सत्तारूढ़ बीजेपी की कुल 117 सीटें हैं तो वहीं कांग्रेस के पास कुल 69 और उसके सहयोगी दल जद (एस) के पास कुल 32 सीटे हैं। इस बार बीएसपी ने अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।पिछले चुनाव में बीएसपी ने एक सीट जीतकर इतिहास रचा था। बीएसपी के अलावा आम आदमी पार्टी भी कर्नाटक चुनाव लड़ रही है। इस बार बीएसपी और आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है।
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने 80 और जदयू ने 37 सीटें जीती थीं। इस प्रकार किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी। जेडीएस नेता कुमारस्वामी गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन करीब डेढ़ साल बाद कई कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी के साथ हो गए थे। इसके बाद कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। और फिर बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। हालांकि, दो साल बाद येदियुरप्पा ने भी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बसवराज बोम्मई राज्य के सीएम बने।
इस तरह अगर देखें तो बीते 5 साल में तीन बार राज्य में सीएम का चेहरा बदला। सबसे पहले कुमार स्वामी ने 23 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली। वे 23 जुलाई 2019 तक सीएम रहे। फिर येदियुरप्पा 26 जुलाई 2019 से 28 जुलाई 2021 तक सीएम रहे। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद 28 जुलाई 2021 को बसवराज मुख्यमंत्री बने। वे वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है, जहां बीजेपी अपने दुर्ग को बचाए रखने की जद्दोजहद में जुटी है तो कांग्रेस मिशन-साउथ के तहत कर्नाटक की सत्ता में वापसी के लिए तैयार है। जेडीएस एक बार फिर से किंगमेकर बनने के लिए हाथ-पैर मार रही है। कर्नाटक के चुनाव पर सिर्फ राज्य के लोगों की ही नहीं बल्कि देश भर की निगाहें हैं।