सूरत कोर्ट के फैसले पर हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जब सूरत से दिल्ली लौटे तो उन्हें रिसीव करने के लिए इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और सांसदों द्वारा एयरपोर्ट पर राहुल गांधी का स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से राहुल गांधी सीधे अपने घर पहुंचे। मालूम हो कि आज राहुल सूरत गए थे। सूरत जिला अदालत ने उन्हें उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था।
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के बाद ट्वीट किया, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा ईश्वर है, अहिंसा इसे प्राप्त करने का साधन है- महात्मा गांधी।”
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
– महात्मा गांधी
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 23, 2023
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा- डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है’।
डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर @RahulGandhi जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे।
सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 23, 2023
अदालत का फैसला आने के साथ ही जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस आदेश को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हूयते राहुल और कांग्रेस पर हमला बोला।
कांग्रेस पार्टी के नेता कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के फैसले पर कहा- ‘ये पहला निर्णय है और न्यायिक अनुक्रम में सबसे निचले दर्जे का निर्णय है, इसे हम ऊपरी अदालत में लेकर जाएंगे। ये गलत निर्णय है और कानून में इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। हम आश्वस्त हैं कि इस विषय पर एक सकारात्मक निर्णय आएगा। कोलार वाले वक्तव्य के विषय में सुरत के मेजिस्ट्रट ने जैसे निर्णय दिया है वो धारा 202 का उल्लंघन है। सरकार जानबूझकर गलत केसेस थोपकर रोज आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इन सब से जनहित के मुद्दे उठाने में कांग्रेस या राहुल गांधी नहीं हिचकेंगे’।
आप जितनी भी कोशिश कर लें, डराने की, धमकाने की, आवाज को दबाने की, झूठे केस फाइल करने की, इससे आवाज दबने वाली नहीं है।
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर श्री राहुल गांधी बोलते रहेंगे, आवाज उठाते रहेंगे।
– @DrAMSinghvi जी pic.twitter.com/5P5LA213Sb
— Congress (@INCIndia) March 23, 2023
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी बोले कि, यह राहुल गांधी की छवि को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। अब भी न्यायपालिका जीवित है और हमें न्याय की उम्मीद है। सरकार ये इसलिए कर रही है ताकि राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया जाए लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है कि उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, ये मीडिया को भी दबाने की कोशिश है, न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है और राजनीतिक दल के लोगों पर इसी स्तर पर जाकर वो कार्रवाई कर रहे हैं।
राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने कहा कि, आज न्यायपालिका पर दबाव है…राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणी चलती रहती हैं। ऐसी टिप्पणियां अटल जी ने, आडवाणी जी ने पता नहीं कितनी की होंगी। लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज़ नहीं होता था। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कि, उन्हें ज़मानत मिल गई है।ये (BJP) लोग पहले जज को बदलते गए,हमें अंदाज़ा लग रहा था लेकिन हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं। कानून के तहत ही हम लड़ेंगे।
तो वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि, जैसा बीज बोएंगे वैसा ही पौधा निकलेगा,मनमोहन सिंह जी और शरद यादव व अन्य ने मिलकर कानून में संशोधन किया था जिसमें 2 साल नहीं बल्कि 5 साल की अगर सज़ा हो तब संसद की सदस्यता खत्म होनी चाहिए और इन्होंने उस बिल को जनता के सामने फाड़ा था।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कि, राहुल जी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। शब्दों की चोट शस्त्रों की चोट से ज्यादा गहरी और पीड़ादायक होती है और शब्द जब अनर्गल और झूठे हों तब चोट और भी गहरी और कष्टदायक हो जाती है। मुझे विश्वास है कि इस न्यायिक आदेश से सीख लेते हुए हम सभी को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक जीवन में शब्दों की मर्यादा किसी भी स्थिति में टूटने न पाए।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी राहुल पर निशाना साधा और कहा कि, राहुल गांधी ने जिस तरह लोकतांत्रिक संस्थाओं का बार-बार अपमान किया है, वो देश को मान्य नहीं है। उन्हें अपनी सोच को बदलने की ज़रूरत है, कोई भी व्यक्ति संविधान से बड़ा नहीं हो सकता। उन्होंने अपनी खुद की सरकार में मनमोहन सिंह का अपमान किया। उन्होंने विदेशी धरती पर देश का अपमान किया। राहुल गांधी को अपने अपमानसूचक बयानों के लिए देश, देश की जनता और सदन से माफी मांगनी चाहिए।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राहुल का बचाव करते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी के साथ गलत हुआ है। यह एक्शन यह भी दिखाता है कि मोदी जी घबराए हुए हैं और वह 2024 के आमचुनाव के लिए तैयार नहीं है। इसलिए विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जा रही है। यह कुछ दिन और रहेंगे तो लोकतंत्र, संविधान को खत्म कर देंगे’।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस मुद्दे पर राहुल के साथ दिखे। उन्होंने कहा- ‘ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फ़साना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं’।
बता दें कि राहुल गांधी को अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। वो अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, जहां अगर सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता बच सकती है। हाईकोर्ट अगर स्टे नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अगर स्टे मिल जाता है तब भी उनकी सदस्यता बच सकती है। पहले के नियम के मुताबिक़, आरपी अधिनियम की धारा 8(4) के प्रावधानों के अनुसार, एक मौजूदा सांसद/विधायक, दोषी ठहराए जाने पर, 3 महीने की अवधि के भीतर फैसले के खिलाफ अपील या पुनरीक्षण आवेदन दायर करके पद पर बना रह सकता था। इसे 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अब यदि एक मौजूदा सांसद/विधायक को किसी अपराध का दोषी ठहराया जाता है, तो उसे दोष सिद्ध होने पर तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा।