मध्य प्रदेश के एक पुलिस कांस्टेबल के एक महिला के प्रति “अप्रिय” व्यवहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना राजधानी भोपाल की है। वायरल वीडियो में, एक कांस्टेबल जिसका नाम पुष्पेंद्र है, बाइक पर बैठे एक लड़की को अपनी ओर खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं। महिला को उसका विरोध करते और उससे दूर झुकते हुए देखा जा सकता है। वह फिर पुष्पेंद्र के हाथों को झटकते हुए और दूर जाते हुए दिखाई देती है। हालांकि, कांस्टेबल ने उसका पीछा किया लेकिन महिला मुड़ने के बजाय और दूर जाने लग गई। वीडियो वायरल होने के बाद कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
भाजपा राज में रक्षक भी भक्षक!
भोपाल के अल्पना टॉकीज के पास पुलिस का अमानवीय चेहरा देखा गया जिसका वीडियो वायरल हुआ।
हनुमानगंज थाने की एक पुलिस ने
अकेली खड़ी युवती के साथ अश्लील छेड़छाड़ की,
बेशद शर्मनाक! pic.twitter.com/33h0We3Tu6— Sangeeta Sharma🇮🇳 (@SangeetaCongres) March 7, 2023
एडिशनल डीसीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि वीडियो में दिख रही लड़की कोहे फिजा थाने में तैनात सिपाही पुष्पेंद्र की दोस्त है। उन्होंने कहा कि, “रात में जब पुष्पेंद्र हनुमानगंज इलाके से गुजर रहा था तो रास्ते में उसे अपनी महिला मित्र नजर आ गई। सिपाही ने बताया कि उसकी दोस्त शराब के नशे में थी और ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। कोई अप्रिय घटना ना हो जाए, ये सोचते हुए उसने अपनी दोस्त से उसे घर छोड़ने की पेशकश की और जब वह नहीं मानी तो उसने उसे पकड़ लिया और बाइक पर बैठने को कहा”।
उन्होंने कहा कि चूंकि कांस्टेबल का आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो गया था और चूंकि वह पुलिस की वर्दी में था, इसलिए कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई मामला या शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
#भोपाल में आरक्षक द्वारा महिला से अभद्रता के मामले को गंभीरता से लिया गया है। वीडियो में दिख रहे महिला व आरक्षक मित्र हैं। उन्होंने लिखित बयान दिया है कि उन्हें शिकायत दर्ज नहीं करानी है। किन्तु इसे कदाचरण मानते हुए थाने की सेवा से मुक्त कर,आरक्षक की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है
— Madhya Pradesh Police (@MPPoliceDeptt) March 9, 2023
मध्य प्रदेश पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि, “भोपाल में एक सिपाही द्वारा महिला से अभद्र व्यवहार करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। वीडियो में दिख रही महिला और कांस्टेबल दोस्त हैं। उसने लिखित बयान दिया है कि वह शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती है। लेकिन इसे कदाचार मानते हुए उन्हें थाने की सेवा से मुक्त कर दिया गया है और सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है”।