कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास पर शुक्रवार को छापेमारी की। ईडी के अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित राजद नेता के आवास पर सुबह 8.30 बजे छापेमारी शुरू की। ईडी के अधिकारी मामले के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी के नेता जितेंद्र यादव के आवास पर भी पहुंचे। जितेंद्र यादव लालू प्रसाद यादव की बेटी रागिनी के पति हैं।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को तीन राज्यों में 15 जगहों पर छापेमारी की गई। बिहार की राजधानी पटना में राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के सहयोगी अबु दोजाना के घर पर भी छापेमारी की गई। ईडी ने लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों सहित बिहार, उत्तर प्रदेश और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की है।
यह छापेमारी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से सीबीआई द्वारा नौकरी के बदले जमीन घोटाले के सिलसिले में पूछताछ किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है। ये मामला यादव परिवार और उनके सहयोगियों को उपहार में दी गई या सस्ती दरों पर बेची गई जमीन के बदले कथित तौर पर रेलवे में नौकरी दिए जाने से संबंधित है।
राजद ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी द्वारा की गई छापेमारी पर प्रतिक्रिया दी है और इसके लिए सत्तारूढ़ भाजपा को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के प्रवक्ता उदय नारायण चौधरी ने कहा, “हम ईडी और सीबीआई से नहीं डरते। यह आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा के इशारे पर किया गया है। जितना अधिक आप लालू और तेजस्वी को दबाएंगे, उतना ही वे उभरेंगे।”
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, बीजेपी का लोकतंत्र से विश्वास उठ गया है। राजनीतिक दबाव के चलते केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। 2024 में बीजेपी का सफाया हो जाएगा। कल जब बीजेपी विपक्ष में बैठेगी तो सीबीआई और ईडी अपने स्थान पर पहुंच जाएगी।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’?-
लैंड फॉर जॉब स्कैम घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। 18 मई 2022 को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। ये जमीनें बहुत ही कम दामों में बेच दी गई थीं। सीबीआई के मुताबिक जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई।