सूत्रों के अनुसार H3N2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लूएंजा से देश में अब तक छह लोगों की मौत हो गई है। कर्नाटक के हासन जिले में एक मौत दर्ज की गई। पंजाब और हरियाणा में भी मामले सामने आए हैं। कुछ दिनों पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा था कि एच3एन2 वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 से मौत हुई है। हालांकि, अभी और जांच चल रही है।
कर्नाटक में मृतक की पहचान हिरे गौड़ा (82) के रूप में हुई है, जिनकी मृत्यु 1 मार्च को हुई थी। उन्हें 24 फरवरी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके नमूने 6 मार्च को परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिसके बाद यह पुष्टि हुई कि उनकी मृत्यु H3N2 वाइरस से हुई है। हसन जिले में कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है।
भारत में पिछले कुछ महीनों में देश भर के अस्पतालों में H3N2 इन्फ्लूएंजा के हजारों मामले सामने आए हैं। H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है। यह एक श्वसन वायरल संक्रमण है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि H3N2 वायरस अन्य उपप्रकारों की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है।
एम्स-दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इन्फ्लूएंजा के मामले बुखार के साथ गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के रूप में आ रहे हैं। लक्षणों में दस्त, उल्टी और सांस फूलना भी शामिल है। ICMR ने कहा कि बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मामलों में वृद्धि हुई है क्योंकि वायरस म्यूटेट हुआ है और इसके खिलाफ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है।
ICMR ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में खुद से दवा लेने और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा था। आईसीएमआर ने बुखार और बदन दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल के इस्तेमाल की सलाह दी है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस को पकड़ने से रोकने का तरीका भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना है।
H3N2 Virus क्या है? –
– ये एक तरह का इंफ्लूएंजा ए है.
– ये वायरस नाक, गले, ऊपरी श्वसन पथ और कई मामलों में फेफड़ों को प्रभावित करता है.
– ये एक सीजनल बीमारी है जो हर सर्दी या फ्लू के मौसम में मौसमी महामारी का कारण बनती है.
– H3N2 वायरस या स्वाइन फ्लू वायरस एक गैर-मानव इन्फ्लूएंजा वायरस है जो आम तौर पर सूअरों में फैलता है
– जब ये वायरस इंसानों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें ‘वैरिएंट’ वायरस कहा जाता है.
– पिछले कुछ हफ्तों में 100 से अधिक टेस्ट में अधिकतम H3N2 पॉजीटिव मरीज हैं.
– ज्यादातर मरीजों की हालत फिलहाल गंभीर नहीं है.
H3N2 वायरस के लक्षणों में प्रमुख हैं-
– बुखार आना
– खांसी
– गले में खराश
– बार-बार उल्टी आना
– डायरिया
– नाक बहना
– सिर दर्द
– शरीर में दर्द
– सर्दी लगना
क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
– सोशल डिस्टेंसिंग
– साफ सफाई
– मास्क लगाना
– सालाना इंफ्लूएंजा वैक्सीन के शॉट्स जरूर लें
– फ्लू होने पर भरपूर आराम करना चाहिए और पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
– बुखार, सिरदर्द और शरीर के दर्द आदि लक्षणों से राहत पाने के लिए जरूरी दवाओं का सेवन करें।
– ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) जैसी एंटीवायरल दवा दे सकते हैं।