प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से छह घंटे तक पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। ईडी के जांचकर्ता धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने तिहाड़ जेल पहुंचे थे। अगले कुछ दिनों तक पूछताछ जारी रहने की उम्मीद है।
सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को 2021-22 के लिए अब रद्द की जा चुकी दिल्ली की शराब या आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
ईडी ने आप नेता से जेल के सेल नंबर 1 में तीन दिनों तक पूछताछ करने के लिए अदालत की अनुमति प्राप्त की है। खबर के मुताबिक, एजेंसी ने उनके पास मौजूद सेलफोन को कथित रूप से बदलने और नष्ट करने के बारे में और दिल्ली के आबकारी मंत्री के रूप में उनके द्वारा अपनाए गए नीतिगत फैसलों और समय-सीमा के बारे में पूछताछ की है। अदालत के समक्ष दायर पूरक शिकायतों में ये आरोप लगाए गए थे।
ईडी पीएमएलए की धारा 19 लागू कर सकता है, जो मामले में शामिल या अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की अनुमति देता है, अगर जांच अधिकारी के पास “विश्वास करने का कारण” है कि वह व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का “दोषी” है।
इससे पहले सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित हेरफेर के सिलसिले में उनका उनके पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्णा से आमना-सामना करवाया था।
पिछले साल 25 नवंबर को मामले में दायर सीबीआई की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम आरोपी के रूप में नहीं था।
यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की आबकारी नीति ने कार्टेलाइजेशन की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। इस आरोप का आप ने जोरदार खंडन किया था। नीति को बाद में रद्द कर दिया गया और दिल्ली एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत उसी आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया।
ईडी ने अपनी चार्जशीट के माध्यम से अदालत को सूचित किया है कि उसकी जांच में पाया गया कि सिसोदिया सहित कम से कम 36 अभियुक्तों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये के “किकबैक” के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन को “नष्ट कर दिया, इस्तेमाल किया या बदल दिया”।
ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इस साल की शुरुआत में मामले में दायर दूसरी चार्जशीट में नामित किया था, जिसमें दावा किया गया था कि दानिक्स अधिकारी सी अरविंद, जो पहले सिसोदिया के सचिव थे, ने पीएमएलए के तहत अपना बयान दर्ज किया और कहा कि उन्हें मार्च 2021 के मध्य में उनके बॉस (सिसोदिया) ने केजरीवाल के आवास पर बुलाया और उन्होंने तब आबकारी नीति पर GoM रिपोर्ट दी थी।
बता दें कि इस बीच दिल्ली शराब नीति मामले में ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को गिरफ्तार कर लिया है। अरुण पिल्लई इस मामले में एक आरोपी हैं और कथित तौर पर एक कंपनी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के लिए एक फ्रंटमैन के रूप में काम करता था। ईडी ने केस की चार्जशीट में के कविता का नाम लिया था, जिसमें एक शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स में 65 फीसदी हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया था।