बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाले’ की जांच के सिलसिले में पूछताछ के एक दिन बाद मंगलवार को उनके पति लालू प्रसाद यादव से भी इसी मामले में दिल्ली में पूछताछ की गई। सीबीआई ने लालू यादव से ये पूछताछ उनकी बेटी मीसा भारती के पंडारा पार्क स्थित आवास पर की। मीसा भारती राज्यसभा सदस्य हैं। लालू यादव के परिवार ने कहा है कि वे जांच में सहयोग करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान वीडियोग्राफी की जा रही थी। प्रसाद को कुछ दस्तावेजों के बारे में भी पूछा गया।
लालू से पूछताछ शुरू होने के तुरंत बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने सिलसिलेवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि 74 वर्षीय नेता को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- “पापा को ये लोग तंग कर रहे हैं। अगर उनके तंग करने के कारण उन्हें ज़रा भी परेशानी होगी तो दिल्ली की कुर्सी हिला देंगे। अब बर्दाश्त करने की सीमा जवाब दे रही है। पापा को लगातार परेशान किया जा रहा है। अगर उन्हें कुछ हुआ तो मैं किसी को नहीं छोड़ूंगी। पापा को तंग कर रहे हैं यह ठीक बात नहीं है। यह सब याद रखा जाएगा। समय बलवान होता है, उसमें बड़ी ताकत होती है। यह याद रखना होगा”।
पापा को लगातार परेशान किया जा रहा है। अगर उन्हें कुछ हुआ तो मैं किसी को नहीं छोड़ूंगी।
पापा को तंग कर रहे हैं यह ठीक बात नहीं है। यह सब याद रखा जाएगा। समय बलवान होता है, उसमें बड़ी ताकत होती है। यह याद रखना होगा।
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) March 7, 2023
लालू प्रसाद का पिछले साल सिंगापुर में गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था और वह एक महीने पहले ही भारत लौटे थे। संक्रमण के जोखिम को देखते हुए, उन्होंने अपने गृह राज्य से दूर रहने और अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर आराम करने का विकल्प चुना है।
इससे पहले जांच एजेंसी ने सोमवार को राबड़ी देवी से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ ख़त्म होने के बाद राबड़ी देवी ने कहा था कि ‘ये कुछ नहीं है। शुरुआत से ही ऐसा होता आया है’।
बता दें कि 27 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य लोगों को तलब किया था। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
लैंड फॉर जॉब स्कैम घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। 18 मई 2022 को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया।