राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को वाराणसी पहुंची। ये राष्ट्रपति मुर्मू का काशी का पहली दौरा था। राष्ट्रपति ने बाबा कालभैरव मंदिर और बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन की। सोमवार शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शाम करीब 7 बजे दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती देखी। क्रूज पर सवार होकर उन्होंने 21 देव कन्याओं और 9 अर्चकों के साथ 45 मिनट तक चलने वाले गंगा पूजन को देखा। साथ में षोडशोपचार विधि से मां गंगा का अनुष्ठान कर प्रसाद ग्रहण किया।
आज मैंने वाराणसी में काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भी भाग लिया जिसके आलौकिक स्वरों और दिव्य दृश्य ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। जीवनदायिनी मां गंगा का आशीर्वाद सभी देशवासियों को सदा मिलता रहे, यह मेरी मंगलकामना है। pic.twitter.com/FperBlcle3
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 13, 2023
इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती देखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भावुक हो गईं। गंगा तट पर उपस्थित लोगों ने उनके स्वागत में जोर जोर से हर-हर महादेव का जयघोष किया तो राष्ट्रपति महोदय ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने वाराणसी में काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भी भाग लिया जिसके अलौकिक स्वरों और दिव्य दृश्य ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। जीवनदायिनी मां गंगा का आशीर्वाद सभी देशवासियों को सदा मिलता रहे, यह मेरी मंगलकामना है।”
गंगा आरती के समय सबसे पहले राष्ट्रपति को ब्राह्मणों द्वारा शुद्धि मंत्र पढ़कर संकल्प दिलाया गया। इसके बाद राष्ट्रपति ने अक्षत, धूप, दीप माँ गंगा को समर्पित किया। राष्ट्रपति ने सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया का संकल्प लिया। इसके बाद शिव स्तोत्र पढ़कर भगवान शिव की प्रार्थना की गई। गंगा व लक्ष्मी जी की भी प्रार्थना की गई। राष्ट्रपति द्वारा गंगा आरती के बाद भगवान विष्णु के नाम अच्युतं केशवं राम नारायणम कृष्ण दामोदरं, व गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, राधा रमण हरि गोपाल बोलो जैसे प्रार्थना का उद्घोष किया गया।
इससे पहले दिन के समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वाराणसी पहुंचने के बाद सबसे पहले कालभैरव मंदिर में पूजा अर्चना की। उसके बाद राष्ट्रपति श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंची। धाम में प्रवेश द्वार से गर्भगृह तक रेड कारपेट बिछाया गया था। राष्ट्रपति के साथ उनकी बेटी भी वाराणसी पहुंची थीं।
गंगा आरती के समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।