तुर्की में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद से लापता एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय नागरिक विजय कुमार गौड़ की शनिवार को मौत हो गई। पीड़ित का शव तुर्की के मालट्या इलाके में एक चार सितारा होटल के मलबे में मिला। दूतावास के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उनके चेहरे पर चोटों के कारण, गौड़ की पहचान उनके एक हाथ पर बने “ओम” शब्द के टैटू से की गई’।
उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु स्थित ऑक्सीप्लांट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करते थे और जब भूकंप आया तो वह तुर्की में व्यापारिक यात्रा पर थे।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तुर्की में भारतीय दूतावास ने लिखा, “हम दु:ख के साथ सूचित करते हैं कि तुर्की में 6 फरवरी के भूकंप के बाद से लापता भारतीय नागरिक श्री विजय कुमार के नश्वर अवशेष मिले हैं और मालट्या में एक होटल के मलबे से उसकी पहचान की गई है, जहां वह एक व्यापार यात्रा पर थे।”
We inform with sorrow that the mortal remains of Shri Vijay Kumar, an Indian national missing in Turkiye since February 6 earthquake, have been found and identified among the debris of a hotel in Malatya, where he was on a business trip.@PMOIndia @DrSJaishankar @MEAIndia
1/2— India in Türkiye (@IndianEmbassyTR) February 11, 2023
भारतीय दूतावास ने एक दुसरे ट्वीट में लिखा, “उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। हम उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके परिवार तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं”।
Our deepest condolences to his family and loved ones. We are making arrangements for the earliest possible transportation of his mortal remains to his family.@PMOIndia @DrSJaishankar @MEAIndia
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एक बयान में कहा गया है कि उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके परिवार तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। उनके पार्थिव शरीर को पहले इस्तांबुल और फिर दिल्ली ले जाया जाएगा। पारिवारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उनके शव को कोटद्वार पहुंचने में तीन दिन लग सकते हैं।
इससे पहले विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा था कि 10 भारतीय तुर्की के दूरदराज के हिस्सों में फंसे हुए हैं लेकिन सुरक्षित है जबकि एक नागरिक लापता है।
गौड़ की पत्नी और छह साल के बेटे ने उनसे आखिरी बार 5 फरवरी को फोन पर बात की थी और उन्हें 20 फरवरी को भारत लौटना था।
बता दें कि तुर्की और सीरिया के अलग अलग हिस्सों में सोमवार को आए भूकंप के पांच दिन बाद शनिवार को भी बच्चों और बुजुर्गों को मलबे से निकाला जा रहा है। दोनों ही देशों में अब तक मरने वालों की संख्या 25,000 के आंकड़े को पार कर गई है। भारत ने तबाही के बाद तुर्की के साथ-साथ सीरिया को सहायता देने के लिए “ऑपरेशन दोस्त” लॉन्च किया। राहत और बचाव कार्यों के लिए तुर्की में 152 कर्मियों वाली तीन एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है।
तुर्की में रहने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 3,000 है, जिनमें से करीब 1,800 लोग इस्तांबुल में या उसके आसपास रहते हैं, जबकि 250 अंकारा में और बाकी पूरे देश में फैले हुए हैं।