साल 2022 में गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसा मामले में ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने जयसुख पटेल के लिए लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही पटेल की गिरफ्तारी हो जाएगी। पुलिस ने जयसुख पटेल को चार्जशीट में भी आरोपी बनाया है। हालांकि चार्जशीट अभी अदालत में जमा नहीं की गई है।
Months after the collapse of a colonial era hanging bridge in Morbi, Gujarat Police have issued an arrest warrant against Jaysukh Patel, promoter of the local corporate Oreva Group, which had secured the contract to renovate, repair and operate the bridge.https://t.co/jI1Ak8R0Vq
— The Hindu (@the_hindu) January 22, 2023
गौरतलब है कि, जयसुख पटेल द्वारा तीन दिन पहले ही मोरबी कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने पटेल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई एक फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी।
मालूम हो कि ओरेवा कंपनी के ही पास पुल के नवीनीकरण, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी थी। इस पुल के रखरखाव का ठेका ओरेवा कंपनी के पास ही था। पुल के संचालन और रखरखाव के लिए 15 साल के समझौते पर मोरबी नगर निगम और अजंता ओरेवा कंपनी के बीच मार्च 2022 में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह करार 2037 तक के लिए वैध था।
मोरबी पुल हादसे के बाद, FSL की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जंग लगी केबल, टूटे एंकर पिन और ढीले बोल्ट उन खामियों में से थे जिन्हें पुल के नवीनीकरण के दौरान ठीक नहीं किया गया था। FSL की रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि ओरेवा ग्रुप ने पुल को जनता के लिए खोलने से पहले इसकी भार झेलने की क्षमता का आकलन करने के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी को नहीं लगाया था। वहीं, मोरबी त्रादसी की जांच के लिए सरकार ने SIT का गठन किया था, जिसने पुल को लेकर ओरेवा ग्रुप की ओर से कई खामियों का हवाला दिया था।
इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट द्वारा लगातार सुनवाई की जा रही है। पिछली सुनवाई में पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की बात कही गई थी। कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि इस स्तर पर घायलों के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा भी कम है। चोटों का विवरण, अस्पताल में भर्ती, उपचार का विवरण, अंतरिम रिपोर्ट में सामने नहीं आ रहे हैं। मोरबी हादसे में पीड़ित परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। हादसे की जांच के लिए कई कमेटियां बनाई गईं। कई लोगों पर आरोप भी लगे, जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल पुल 30 अक्टूबर को टूट गया था। हादसे के वक्त इस पुल पर 300-400 लोग मौजूद थे। सभी लोग नदी में गिर गए थे। हालांकि, इनमें से कुछ की जान बचा ली गई थी। इस हादसे में 141 लोगों की जान गई थी। चौंकाने वाली बात ये है कि ब्रिज हादसे से 5 दिन पहले ही 7 महीने की मरम्मत के बाद इस पुल को खोला गया था। साथ ही पुल खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था। जिसके बाद कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।