चुनाव आयोग ने बुधवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने तीनों राज्यों में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा। मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग होगी। तीनों राज्यों में 2 मार्च को मतगणना होगी। इन विधानसभा चुनावों की एक ख़ास बात ये है कि तीनों राज्यों में बहुमत का आंकड़ा 31 है।
Schedule for GE to the Legislative Assemblies of Meghalaya, Nagaland & Tripura.#AssemblyElections2023 #ECI pic.twitter.com/nZLJtADBMz
— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 18, 2023
चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही तीनों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है। नगालैंड में विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च, मेघालय में 15 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को पूरा हो रहा है। त्रिपुरा में जहां बीजेपी की अकेले सरकार है, वहीं मेघालय और नागालैंड में बीजेपी गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
मालूम हो कि 2018 में तीनों राज्यों में दो चरणों में चुनाव हुआ था। पहले चरण में 18 फरवरी को त्रिपुरा में, तो दूसरे चरण में 27 फरवरी को मेघालय और नगालैंड में वोटिंग हुई थी। 3 मार्च 2018 को नतीजे आए थे। पिछली बार भी चुनाव आयोग ने 18 जनवरी को ही विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने हाल ही में चुनावी राज्यों का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। तीन पूर्वोत्तर राज्यों- नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा ने मतदान में उच्च महिला भागीदारी का उदाहरण पेश किया है। राजीव कुमार ने कहा कि आयोग हिंसा मुक्त चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है, लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में संयुक्त रूप से 62.8 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 31.47 लाख महिला मतदाता, 97,000 मतदाता 80+ और 31,700 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। 2,600 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। तीनों राज्यों में 1.76 लाख वोटर मतदान में पहली बार हिस्सा लेंगे। प्रत्येक राज्य में 60 सीटों के लिए चुनाव निर्धारित हैं।
सीईसी ने बताया कि त्रिपुरा चुनाव के लिए अधिसूचना 21 जनवरी को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तिथि 30 जनवरी है। 2 फरवरी तक नाम वापस लिया जा सकेगा। मेघालय और नगालैंड में 31 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी। दोनों राज्यों में नामांकन की आखिरी तारीख 7 फरवरी है। मेघालय और नगालैंड में नाम वापसी की आखिरी तारीख 10 फरवरी है।
चुनाव आयोग के प्रेस कांफ्रेंस की ख़ास बातें-
– नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में वोटरों की संख्या – 62.8 लाख
– महिला वोटरों की संख्या-31.47 लाख
– पहली बार वोट डालने वाले वोटरों की संख्या-1.76 लाख
– तीनों राज्यों में 2.23 लाख नए वोटर जोड़े गए हैं।
– तीनों राज्यों में 9000 से ज्यादा पोलिंग स्टेशन होंगे।
– नगालैंड में 2,315, मेघालय में 3,482 और त्रिपुरा में 3,328 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। 50% पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग की जाएगी।
– 3 राज्यों के 376 पोलिंग बूथ महिलाओं के अंडर में होंगी। हर विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का एक मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
कहां कितनी सीटें, बहुमत के लिए क्या आंकड़ा?
– त्रिपुरा: कुल सीटें- 60, बहुमत- 31
– मेघालय: कुल सीटें-60, बहुमत- 31
– नगालैंड: कुल सीटें- 60-, बहुमत- 31
मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में राजनीतिक समीकरण-
मेघालय: 2018 में मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी थी। हालांकि, चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन एनपीपी ने बीजेपी और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। एनपीपी के कोनराड संगमा मेघालय के मुख्यमंत्री हैं। राज्य में कुल दो लोकसभा सीटें हैं और दोनों ही बीजेपी के पास नहीं हैं। यहां एक सीट कांग्रेस तो एक सीट एनपीपी के पास है। नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता नेफियू रियो नागालैंड के मुख्यमंत्री हैं।
यहां पिछले तीन महीनों से पार्टियां चुनावी मोड में हैं। कांग्रेस ने 40 और NPP ने 58 उम्मीदवारों की लिस्ट पहले ही जारी कर दी है।
मेघालय विधानसभा की 2018 की स्थिति-
– कांग्रेस – 21 सीट (28.5%)
– एनपीपी – 20 सीट (20.6%)
– यूडीपी – 6 सीट (11.6%)
– पीडीएएफ – 4 सीट (8.2%)
– बीजेपी – 2 सीट (9.6%)
– HSPDP – 2 सीट (5.3%)
– निर्दलीय – 3 सीट (10.8%)
– अन्य – 2 सीट (4.5%)
– नोटा – 14631 (0.9%)
नगालैंड: नगालैंड में NDPP और भाजपा गठबंधन की सरकार है। यहां 2018 से पहले नगा पीपुल्स फ्रंट सत्ता (NPF) में था। लेकिन चुनाव से पहले NPF दो गुटों में बंट गई। राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो ने बागी नेताओं के साथ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) बनाई थी। NDPP को 18 तो भाजपा को 12 सीटों पर जीत मिली। नेफ्यू रियो राज्य के मुख्यमंत्री बने। NDPP के सत्ता में आने के बाद NPF के तमाम विधायक गठबंधन में शामिल हो गए। यहां एक लोकसभा सीट है।
पिछले साल दोनों दलों ने जॉइंट स्टेटमेंट में कहा था कि NDPP 40 और भाजपा 20 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी।
नगालैंड विधानसभा की 2018 की स्थिति-
– एनपीएफ – 27 सीट (38.8%)
– एनडीपीपी – 17 सीट (25.2%)
– बीजेपी – 12 सीट (15.3%)
– एनपीपी – 2 (6.9%)
– JDU – 1 (4.5%)
– अन्य – 1 (4.3%)
– नोटा – 5724 (0.6%)
त्रिपुरा: बीजेपी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 25 सालों के वाम किले को ढहा दिया था। बीजेपी ने यहां 35 सीटों पर जीत हासिल की थीं। वहीं, गठबंधन में उसकी सहयोगी स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 8 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। इस प्रकार बीजेपी गठबंधन ने 59 सीटों में से 43 सीटों पर विजय हासिल की थी। वहीं, सीपीआई (एम) को 16 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बनाया था। 2022 में भाजपा ने उनकी जगह माणिक साह को राज्य की कमान सौंपी है। यहां दो लोकसभा सीटें हैं और बीजेपी के पास दोनों है।
आगामी चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए CPM और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है। एक और बड़ी पार्टी ममता बनर्जी की TMC भी है, जो भाजपा को टक्कर दे सकती है।
त्रिपुरा विधानसभा की 2018 की स्थिति-
– बीजेपी – 36 सीट (43.59%)
– सीपीएम – 16 सीट (42.22%)
– आईपीएफटी – 8 सीट (7.38%)
– अन्य – 0 (4.9%)
– नोटा – 23735 (1%)
बता दें कि 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले इस साल त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के अलावा 6 और राज्यों में चुनाव होने हैं। अप्रैल या मई में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल इसी साल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है। जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जनवरी 2024 में अलग-अलग तारीखों पर कार्यकाल खत्म होगा। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं।
2023 में 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव लोकसभा की 112 सीटें (21% सीटें) कवर करते हैं-
– राजस्थान – 25 सीट
– मध्यप्रदेश – 29 सीट
– छत्तीसगढ़ – 11 सीट
– कर्नाटक – 28 सीट
– तेलंगाना – 17 सीट
– जम्मू-कश्मीर – 6 सीट
– त्रिपुरा – 2 सीट
– मेघालय – 2 सीट
– नगालैंड -1 सीट
– मिजोरम – 1 सीट