गुजरात हाई कोर्ट ने साबरमती नदी के प्रदूषित पानी को लेकर इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि साबरमती नदी के प्रदूषित पानी पर गंभीरता से ध्यान देने और और तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का प्रदूषित और दूषित पानी स्वीकार्य योग्य नहीं है। एडवोकेट हेमांग शाह ने साबरमती नदी के प्रदूषित पानी के बारे में गुजरात हाईकोर्ट को सूचित किया। शाह ने प्रदूषित नदी से लाए गए पानी का सैंपल भी कोर्ट में पेश किया।
Gujarat High Court takes serious note of Sabarmati river pollution and asks the state government to take immediate action. The next hearing on the matter is on January 13.
— ANI (@ANI) January 10, 2023
हेमांग शाह ने कहा कि, “पहले हम नदी के पानी का सैंपल लेकर आए थे जिसके बाद इतना प्रदूषित पानी देखकर कोर्ट हैरान रह गया। बाद में हम नदी की रीडिंग लेकर आए और कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रदूषित पानी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता”।
शाह ने कहा कि यह सिर्फ साबरमती नदी तक ही सीमित नहीं है। साबरमती नदी का पानी अरब सागर तक पहुंचता है और अन्य नदियों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा साबरमती नदी में अवैध रूप से पाइपलाइनों के माध्यम से बहुत सारा गंदा पानी डाला जाता है। हमारी नदियों को साफ करने के बजाय और अधिक प्रदूषित किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का प्रदूषित और दूषित पानी स्वीकार्य नहीं है।
हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट 13 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई करेगी। राज्य सरकार अगली सुनवाई में प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए आवश्यक कदमों के बारे में कोर्ट को सूचित करेगी।