समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ़ कर दिया है कि वे राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल नहीं होंगे। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने को लेकर भेजे गए निमंत्रण को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनको न्योता ही नहीं मिला है। अखिलेश ने कहा, ‘हमारी पार्टी की अलग विचाराधारा है. बीजेपी और कांग्रेस एक हैं।’
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर फोन पर निमंत्रण भेजा गया है, तो कृपया उनको भी भेज दें। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएं राहुल की यात्रा के साथ हैं, लेकिन उनको कोई निमंत्रण नहीं मिला है।
Uttar Pradesh | We have not received any invitation (for Bharat Jodo Yatra). The ideology of our party is different. BJP and Congress both are same: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav, in Lucknow pic.twitter.com/qPMxdtaF5x
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 29, 2022
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक़ उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और आरएलडी नेता जयंत चौधरी को न्योता भेजा था। जयंत चौधरी ने तो पहले इस यात्रा में शामिल होने से मना कर दिया था और अब अखिलेश ने साफ-साफ कह दिया कि उन्हें कोई न्योता नहीं मिला है। मायावती के भी यात्रा में शामिल होने पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है।
इस बीच आज ही कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी से बुलंदशहर में अखिलेश यादव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पूरे जोश में कहा कि हम पक्का अखिलेश यादव को इस यात्रा से जोड़ेंगे। उन्हें निमंत्रण भी दिया जाएगा। अभी तो 7-8 दिन बाकी हैं।
अखिलेश यादव के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से दूरी बनाने का क्या है कारण?
अखिलेश के इस यात्रा में शामिल न होने के फैसले के बाद विपक्षी एकता कमजोर होती दिख रही है। मालूम हो कि 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने अलग-अलग लड़ा था। उस दौरान कई मौकों पर अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला था। अब अखिलेश के फैसले को देखते हुए ऐसा लगता है कि उस चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच खींची लकीर अब और बड़ी हो गई है। इसकी एक झलक आज के अखिलेश यादव के बयान में भी दिखी जब उन्होंने ये कहा कि हमारी और कांग्रेस की विचारधारा अलग-अलग है, कांग्रेस और बीजेपी एक ही है। बीते दिनों सपा के एक प्रवक्ता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया था कि अखिलेश यादव पहले से ही कुछ दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, ऐसे में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उनका शामिल होना मुश्किल है। सपा प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि यात्रा में शामिल होने को लेकर पार्टी द्वारा अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में अगर यूपी में कांग्रेस को सपा का साथ नहीं मिलेगा, इसे बड़े सियासी झटके के रूप में देखा जाएगा. इससे पहले आरएलडी ने भी यात्रा में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
बता दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ गाजियाबाद के लोनी के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल होगी। उसके बाद यात्रा बागपत और शामली होते हुए हरियाणा के लिए कूच करेगी। इस दौरान यात्रा तीन दिनों तक उत्तर प्रदेश में ही रहेगी। यात्रा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल होंगी।