बिहार के मुजफ्फरपुर से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंसकर देश की गोपनीय दस्तावेज लीक करने का मामला सामने आया है। मुजफ्फरपुर में एक सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है, जो रक्षा मंत्रालय में लिपिक रहते आईएसआई की महिला एजेंट के प्रेम जाल में फंसा और फिर भारत के सरकारी कार्यालयों से गोपनीय जानकारी उसे भेजता रहा। फिलहाल ये सरकारी कर्मचारी कटरा रजिस्ट्री कार्यालय में बतौर लिपिक के पद पर कार्य कर रहा था। रक्षा मंत्रालय के अवाडी (चेन्नई) स्थित भारी वाहन निर्माण कारखाना (एचयूएफ) में लिपिक पद पर रहते हुए उसने इस महिला को टैंक, तोप व अन्य रक्षा उपकरणों की तस्वीरें बेची थीं।
भारत की सुरक्षा एजेंसी के निर्देश पर इसकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की गयी। शुक्रवार शाम मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंत कांत ने प्रेस कांफ्रेस कर उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया को दी।
गिरफ्तार इस सरकारी की पहचान मुंगेर जिला के पूर्वी जमालपुर थाना के नया गांव विषहरी के रवि चौरसिया के रूप में हुई है। उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया है। उसके फोन रिकार्ड, ईमेल और वाट्स चैट को खंगालने के बाद पुलिस को इसकी सच्चाई का पता चला। उसके पास से दो डेबिट कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक मोबाइल व 900 रुपये जब्त किए गए हैं। इनकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। कटरा थाना में उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एसएसपी जयंत कांत ने बताया की केंद्रीय जांच टीम से गोपनीय सूचना मिली थी की ये बाबू भारत के सरकारी दफ्तरों से जुड़ी खुफिया जानकारी ISI को भेज रहा है। इसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। अन्य जांच एजेंसी टीम को भी इससे अवगत कराया जा रहा है। जो भी जानकारी पूछताछ में सामने आई है। उसे जांच एजेंसी से साझा किया गया है। उसके मोबाइल को जब्त किया गया है। उससे और भी अधिक जानकारी निकालने की कोशिश की जा रही है।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया है की वह पहले भारी वाहन निर्माण कारखाना अवाडी चेन्नई (रक्षा मंत्रालय) में लिपिक के पद पर कार्यरत था। उस समय फेसबुक के जरिए उसकी पहचान एक महिला से हुई। उसने उसे हनीट्रैप किया। फिर उसे पैसे का लालच देकर उससे कई सारी खुफिया जानकारी वॉट्सऐप और ईमेल के जरिए ली और बदले में उसके खाते में मोटी रकम भी भेजती रही। वो महिला ISI की एजेंट थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ इस सरकारी कर्मचारी को भी इस बात का पता था लेकिन बावजूद इसके वह पैसे के लालच में खुफिया जानकारी उपलब्ध करा रहा था।
एसएसपी ने आगे बताया कि इस सरकारी कर्मचारी के SBI बैंक अकाउंट को खंगाला जा रहा है और फिर इसे फ्रिज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके मोबाइल के गैलरी में अभी भी कई ऐसे गोपनीय तस्वीर और दस्तावेज हैं। जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
बता दें कि शुक्रवार को उसे न्यायिक दंडाधिकारी नेहा त्रिपाठी के कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।