दिल्ली नगर निकाय (MCD) चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। आप ने 250 सीटों में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की तो वहीं बीजेपी ने 104 सीटें जीती और कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटों पर जीत मिल पाई। अन्य के खाते में 3 सीटें गईं। इस जीत के साथ आप ने इतिहास रच दिया है। 15 साल से काबिज बीजेपी ने एमसीडी की सत्ता गंवा दी है। तीन बार से लगातार दिल्ली विधानसभा में जीत रही आम आदमी पार्टी के लिए यह पहली बार है जब आप ने एमसीडी में जीत हासिल की है।
Counting for #DelhiMCDPolls concludes | AAP wins 134 seats, BJP 104, Congress 9 and Independent 3. pic.twitter.com/ddyPO89lFN
— ANI (@ANI) December 7, 2022
‘आप’ की जीत सुनिश्चित हो जाने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी दफ्तर से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘मैं सबसे पहले दिल्लीवालों को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूं। इतनी बड़ी जीत के लिए और इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए लोगों का धन्यवाद करता हूं। आम आदमी पार्टी सरकार ने लाखों करोड़ों बच्चों का भविष्य बनाया। हमने लोगों के फ्री और अच्छे इलाज का इतंजाम किया. हमारी सरकार ने लोगों को 24 घंटे बिजली दी और फ्री बिजली दी’।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘जो नेता आज हारे हैं, वह मायूस न हों. हम उनका भी सहयोग लेंगे। इतना ही नहीं हम दिल्ली को बेहत बनाएंगे और सबके सहयोग से दिल्ली को ठीक करेंगे। इसके लिए मुझे बीजेपी और कांग्रेस का भी सहयोग चाहिए। हमें इसके लिए केंद्र सरकार से भी मदद चाहिए। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली को ठीक करने के लिए आशीर्वाद चाहते हैं। अब दिल्ली में काम करना है। इसमें सबकी ड्यूटी लगेगी’।
I want the cooperation of the BJP & Congress to work for Delhi now. I appeal to the Centre &ask for PM's blessings to make Delhi better. We have to make MCD corruption-free. Today, the people of Delhi have given a message to the entire nation: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/oRsLUQy8RJ
— ANI (@ANI) December 7, 2022
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस शानदार जीत के लिए दिल्ली की जनता को बधाई। सिसोदिया ने कहा कि अब एमसीडी में भी केजरीवाल की कट्टर ईमानदार सरकार आ गई है। जो बीजेपी अपने आप को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है, वह अब एमसीडी से भी चली गई है। अब हम सब मिलकर नई दिल्ली बनाएंगे और जनता को कूड़े से निजात दिलाएंगे।
We thank the people of Delhi for giving the mandate to AAP. This is not just a win but a big responsibility to make Delhi cleaner and better: Delhi Deputy CM & AAP leader Manish Sisodia pic.twitter.com/nHg8ZNAtsw
— ANI (@ANI) December 7, 2022
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बीजेपी वाले हमेशा कहते हैं कि केजरीवाल सिर्फ कांग्रेस को हराती है। आज केजरीवाल ने बीजेपी को हरा दिया। गोपाल राय ने कहा कि भ्रष्टाचार का एक ही काल है केजरीवाल. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने आज इतिहास रच दिया है। बीजेपी की सभी साजिशों को दिल्लीवालों ने नाकाम करने का काम किया है।
आप के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस जीत के लिए दिल्ली की जनता को बधाई। दिल्ली की जनता ने पूरे देश को संदेश दिया है कि उनके बेटे अऱविंद केजरीवाल का उत्पीड़न करोगे और उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखोंगे, तो हम आपको वोट से जवाब देंगे। संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली की जनता ने बता दिया कि आप कट्टर ईमानदार पार्टी है।
आप की जीत पर पूर्व क्रिकेटर और आप सांसद हरभजन सिंह ने कहा कि यह एक बड़ी जीत है। इसे हासिल करना एक बड़ा काम था। मैं केजरीवाल जी सहित सभी को बधाई देता हूं।
बीजेपी नेता और दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी दिल्ली की जनता का आभार जताया और कहा कि लगातार चौथी बार भी इतनी सीटें बीजेपी को देकर जो दिल्ली की जनता ने विश्वास दिखाया है उन सभी भाई बहनों को धन्यवाद और कार्यकर्ताओं का आभार।
भारतीय जनता पार्टी ने हार पर मंथन करने के लिए बुधवार शाम दिल्ली के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक भाजपा मुख्यालय में बुलाई है और बाद में दिल्ली एमसीडी चुनाव के विजयी पार्षदों की बैठक भी बुलाई गई है।
MCD चुनाव में किस पार्टी का कितना वोट शेयर रहा?
आप: इस बार के चुनाव में आप के लिए कुल 42.05 फीसदी लोगों ने वोटिंग की। 2017 के एमसीडी इलेक्शन के समय दिल्ली 3 भागों में बंटा हुआ था।
तब आप को NDMC में 27.88 फीसदी, SDMC में 26.44 फीसदी और EDMC में 23.4 फीसदी वोट शेयर मिला था। अगर इनका औसत निकाला जाए तो आप को करीब 25 फीसदी वोट हासिल हुआ। इस हिसाब से 17 फीसदी की बढ़त मिली है।
भाजपा: इस चुनाव में भाजपा को 39.09 फीसदी वोट शेयर मिला है। 2017 के आंकड़ों से तुलना की जाएं तो भाजपा को NDMC में 35.63 फीसदी, SDMC में 34.87 फीसदी और EDMC में 38.61 फीसदी वोट शेयर मिला था। इन आंकड़ों का औसत निकाला जाए तो भाजपा का वोटिंग शेयर 35.5 रहा. इस तरह भाजपा को 1 फीसदी का भी नुकसान नहीं हुआ है।
कांग्रेस: इस बार के चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 11.68 फीसदी रह गया। 2017 के चुनाव से तुलना करें को कांग्रेस को NDMC में 20.73 फीसदी, SDMC में 20.29 फीसदी और EDMC में 22.84 फीसदी वोट शेयर मिला था। इस तरह 2017 का वोटिंग शेयर 21 फीसदी रहा था।
वो कौन से फैक्टर रहे जिनका असर इस बार के MCD चुनाव में हुआ?
– इस चुनाव में एंटी इन्कमबेंसी चरम पर दिखी और इसी वजह से 50 फीसदी मतदान ही हो सका।
– आम आदमी पार्टी ये समझाने में कामयाब रही कि बीजेपी बदले की राजनीति करती है।
– आम आदमी पार्टी कूड़े के पहाड़ का मुद्दा उठाकर बीजेपी को घेरने में कामयाब रही।
– एमसीडी कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा, गली गली में कूड़े, खराब सड़कें और एमसीडी स्कूल की बदहाली बीजेपी के खिलाफ गई।
– अरविंद केजरीवाल के द्वारा किए गए वादों को लोगों ने सराहा।
– बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों पर नहीं लड़ा चुनाव।
– शराब नीति भी बीजेपी के खिलाफ गया।
सत्येंद्र जैन की विधानसभा के सभी वार्डो में BJP की हुई जीत-
सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र शकूर बस्ती में सरस्वती विहार (58), पश्चिम विहार (59) और रानी बाघ (60) तीन वार्ड आते हैं। इन तीनों वार्ड में ही बीजेपी ने जीत दर्ज की है। सरस्वती विहार वार्ड में बीजेपी की शिक्षा भारद्वाज ने जीत दर्ज की। पश्चिम विहार सीट पर भी बीजेपी के विनीत वोहरा ने आप की शालू दुग्गल को हराया। रानी बाग वार्ड में भी बीजेपी की ज्योति अग्रवाल ने जीत दर्ज की।
अमानतुल्लाह और ताहिर हुसैन के इलाके में AAP की हो गई सफाई-
आम आदमी पार्टी के मुस्लिम चेहरा अमानतुल्लाह खान और दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन के इलाके में मुसलमानों ने केजरीवाल को अहमियत नहीं दी। सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन वाले इलाके में भी आम आदमी पार्टी को मुस्लिमों ने नकार दिया है। आम आदमी पार्टी को सिर्फ पुरानी दिल्ली के इलाके के मुस्लिमों ने ही वोट दिया है, जिसके चलते वह जामा मस्जिद और बल्लीमरान के इलाके में जीत दर्ज कर सकी है।
मालूम हो कि एमसीडी की 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था. इन चुनाव में 250 वार्ड में कुल 1349 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 250 वार्डों में इस बार कुल 50.47 फीसदी मतदान हुआ, जो 2017 के मुकाबले लगभग 3% कम दर्ज किया गया। इससे पहले दिल्ली के निकाय चुनाव में 2017 में 53.55 प्रतिशत, 2012 में 53.39 और 2007 में 43.24 प्रतिशत मतदान हुआ था।