20 नंवबर से शुरू हुए ‘फीफा वर्ल्ड कप’ का आयोजन पहली बार कतर में हो रहा है। इस फुटबॉल के ‘महाकुंभ’ में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बार प्रतियोगिता में खेल की चर्चा कम और जाकिर नाइक की चर्चा जोरों पर है। ये जाकिर नाइक वहीं हैं जिन्हे हमारे देश में बैन कर दिया गया है और 2017 से ये एक भगोड़ा है। इस्लामिक स्पीकर जाकिर नाइक के ख़बरों में होने की वजह यह है कि इनको कतर ने FIFA World Cup 2022 में धार्मिक प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया है।
कतर के स्पोर्ट्स चैनल, अलकास ने इस बारे में जानकारी दी है। स्पोर्ट्स चैनल, अलकास के प्रेजेंटर फैसल अलहाजरी ने ट्वीट किया कि ‘शेख जाकिर नाइक विश्व कप के दौरान कतर में मौजूद हैं और पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई धार्मिक व्याख्यान देंगे’। पत्रकार ज़ैन खान ने भी ट्वीट किया कि ‘हमारे समय के सबसे लोकप्रिय इस्लामिक विद्वानों में से एक डॉ जाकिर नाइक FIFA World Cup के लिए कतर पहुंच गए हैं’।
“Preacher Sheikh Zakir Naik is present in Qatar during the World Cup and will give many religious lectures throughout the tournament,” Faisal Alhajri, a presenter at the Qatari state-owned sports channel Alkass, wrote on Twitter on Saturday.#QatarWorldCup2022 #zakir_naik pic.twitter.com/o4bgBitVD5
— Dr.Meerasab Zaheer Pasha (@zaheerpashatmd) November 20, 2022
One of the most popular Islamic Scholars of our time Dr Zakir Naik has reached #Qatar for the #FIFAWorldCup !#Qatar2022 pic.twitter.com/WJWCXascSj
— Zain Khan (@ZKhanOfficial) November 19, 2022
भारत ने साल 2016 में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को बैन कर दिया था। इस संस्था पर विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी, दुर्भावना और घृणा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप था। गृह मंत्रालय ने IRF को एक गैरकानूनी संस्था घोषित किया और इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। 17 नवंबर को खत्म होने वाला था। बैन खत्म होने वाले दिन ही सरकार ने बैन की अवधि 5 साल बढ़ा दी है। यानी अब 2026 तक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा रहेगा। जाकिर नाइक को भारत ने एक भगोड़ा घोषित कर रखा है। नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद से संबिधित गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। भारत से भगोड़ा घोषित होने के बाद से ही नाइक मलेशिया में रह रहा है।
MHA ने एक बयान में कहा था, “जाकिर नाइक देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए खतरा है। नाइक की गतिविधियां सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करके लोगों के दिमाग को प्रदूषित करके देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खराब करेंगी। इससे देश विरोधी भावनाएं बढ़ेंगी। देश में अलगाववाद और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जो देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करेगी। IRF की गतिविधियों के संबंध में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को तत्काल बैन करना जरुरी है।”
बता दें कि क़तर के द्वारा ज़ाकिर नाइक को भेजे गए इस आमंत्रण को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये इस्लामिक प्रचार का एक टूल है। कतर ने ही विवादित भारतीय चित्रकार एमएफ हुसैन को भी शरण दी थी। नूपुर शर्मा विवाद में भी कतर विरोध जताने वाले देशों का नेतृत्व कर रहा था। बीते दिनों कतर सरकार ने 558 फुटबॉल फैंस के इस्लाम कबूल करने का प्रचार किया था।