कांग्रेस पार्टी को करीब दो दशक बाद गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 26 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर एक समारोह में अपना पदभार संभाल लिया है। इस समारोह में खड़गे को औपचारिक रूप से निर्वाचन पत्र सौंपा गया। कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें निर्वाचन प्रमाणपत्र सौंपा। इस मौके पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, के सी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई दिग्गज मौजूद रहे।
मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी होने के बाद कांग्रेस की निवर्तमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। सोनिया ने सबसे पहले खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर बधाई दी। फिर उन्होंने कहा कि खड़गे पार्टी में अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं। वह बहुत ही अनुभवी और मेहनती नेता हैं और उनके नेतृत्व में कांग्रेस आगे बढ़ेगी। अब मैं सुकून महसूस कर रही हूं। खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर मैं बहुत खुश हूं। आज मैं एक बड़ी जिम्मेदारी से फ्री हो जाउंगी। उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस के सामने अभी बहुत सारी चुनौतियां हैं। पूरी ताकत, एकता के साथ हम सबको आगे बढ़ना है और सफल होना है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले पार्टी और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा। सम्मान देने के लिए पार्टी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, आज मजदूर का बेटा अध्यक्ष बना है। हम सब मिलकर कांग्रेस को और मजबूत करेंगे। यह मेरे लिए काफी भावुक पल है। सोनिया गांधी की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया ने बहुत ही मेहनत से कांग्रेस को संभाला है। खड़गे ने कहा, मैं आप सभी को भरोसा दिलाता हूं कि मैं अपनी मेहनत, अनुभव से जो कुछ संभव होगा, वह सब करूंगा।
भारत के संविधान का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि बाबा साहेब डा. अंबेडकर ने देश के जिस संविधान के निर्माण के लिए अपना अहम् योगदान दिया है, इस देश के संविधान की रक्षा के लिए हम सबको मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा, जिस महान राजनीतिक दल का नेतृत्व महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, सरदार बल्लभभाई पटेल, मौलाना आजाद, बाबू जगजीवन राम, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे लोगों ने किया हो, उसकी जिम्मेदारी को संभालना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।
खड़गे ने चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि हम सब मिलकर हरेक मुश्किलों का सामना करेंगे। हम देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए हर कदम पर तत्पर हैं और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए आगे कार्य करेंगे।
आज की राजनीति के परिपेक्ष्य में खड़गे ने कहा कि देश में झूठ का बोलबाला है। इस न्यू इंडिया में देश की सरकार सो रही है और केंद्रीय एजेंसियां जैसे कि सीबीआई और ईडी काम कर रही है। न्यू इंडिया में युवाओं के पास रोजगार नहीं है।
CWC सदस्यों और AICC महासचिवों ने इस्तीफा दिया, नए टीम का होगा गठन-
मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यभार संभालने के बाद सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों, महासचिवों और प्रभारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चयन के बाद पार्टी के सभी पदाधिकारियों के इस्तीफा देने की हमेशा से परंपरा रही है।
कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा, “सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों, एआईसीसी के महासचिवों और प्रभारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।” कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार, खरगे के निर्वाचन की पुष्टि पार्टी के पूर्ण सत्र में की जाएगी, जो इस साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है। सीडब्ल्यूसी, जो कांग्रेस की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है, पूर्ण सत्र के तुरंत बाद पुनर्गठित की जाएगी। पार्टी संविधान के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी के 11 सदस्य मनोनीत किए जाएंगे और 12 सदस्य निर्वाचित होंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष का पद संभालने के बाद बुधवार शाम को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी की। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में खड़गे की अध्यक्षता में कांग्रेस की पहली अहम बैठक हुई। इस बैठक में हिमाचल और गुजरात के चुनावों पर चर्चा हुई। जानकारी के मुताबिक, खड़गे ने टिकट वितरण पर भी मंथन किया।
पदभार ग्रहण से पहले बुधवार सुबह मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजघाट पर महात्मा गांधी को, राजीव गांधी स्मारक पर राजीव गांधी को, शांति वन में जवाहरलाल नेहरू को और समता स्थल पर स्वतंत्रता सेनानी और दलित नेता जगजीवन राम को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि कर्नाटक के दलित समुदाय से संबंध रखने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी शशि थरूर को हराया था। इस चुनाव में खड़गे ने शशि थरूर को 6,825 वोट से मात दी थी। खड़गे को 7897 वोट मिले थे। वहीं, शशि थरूर को 1072 वोट मिले थे। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था।
मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने कई चुनौतियां-
मल्लिकार्जुन खड़गे ऐसे समय में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए हैं जब देश के कई राज्यों में इस साल और अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। कई राज्यों में कांग्रेस में दो फाड़ की स्थिति है। देश में कई ऐसे राज्य हैं जहा पार्टी अपना जनाधार तक खो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने 2024 के आम चुनाव से जनाधार को वापस पाना एक बड़ी चुनौती है और दूसरी तरफ कांग्रेस को एकजुट करने का भी बहुत बड़ा टास्क है।