सुकेश चंद्रशेखर ठगी मामले में अब जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया है। EOW रोहिणी जेल से चलाए जा रहे संगठित अपराध गिरोह में दिल्ली जेल विभाग के 82 अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी। ईओडब्ल्यू ने इसी साल जनवरी में तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखकर इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति मांगी थी।
सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल ने ईओडब्ल्यू को जांच की मंजूरी देने से पूर्व इस बात पर भी गौर किया कि जेल विभाग वर्तमान में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के अधीन था तथा उस दौरान “कैदियों से मोबाइल फोन जब्त किए जाने सहित कई गंभीर विवाद” हुए थे। इसके बाद विभिन्न जेल परिसरों में और आसपास ‘जैमिंग’ उपकरण लगाए गए थे।
बता दें कि रोहिणी जेल में बंद रहने के दौरान सुकेश चंद्रशेखर ने जेल अधिकारियों की मिलीभगत से फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह समेत कई और लोगों से 200 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इस केस की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को सुकेश ने बताया था कि वह 1.30 करोड़ रुपये प्रत्येक महीने जेल कर्मचारियों और अधिकारियों को रिश्वत देता था। घटना के समय सुकेश को रोहिणी जेल की जेल संख्या 10 में रखा गया था।
सुकेश के खुलासे के बाद उसकी मदद करने वाले सात अधिकारियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद ईओडब्ल्यू ने 82 जेल अधिकारियों की एक सूची तैयार की थी जिन्होंने सुकेश की मदद की थी और उससे मदद के बदले पैसे और अन्य सुविधाएं ली थी। ईओडब्ल्यू ने भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजकर उन पर भ्रष्टाचार के तहत कार्रवाई की अनुमति मांगी थी। फिर जेल प्रशासन द्वारा ईओडब्ल्यू के पत्र को दिल्ली सरकार के गृह विभाग को भेजा गया और वहां से इसे उपराज्यपाल के पास भेजा गया था।
नवंबर 2021 में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सुकेश चंद्रशेखर रोहिणी जेल के अंदर से कई लोगों से पैसा वसूल करने के लिए सरकारी अधिकारियों के लैंडलाइन नंबरों को धोखा देने के लिए हाई-एंड मोबाइल फोन एप्लिकेशन का उपयोग किया करता था।