भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश का हालिया चुनाव जीत लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य विधान परिषद में पहली बार बहुमत हासिल कर लिया है। राज्य विधान मण्डल के उपरी सदन विधान परिषद की कुल 100 सीटों में से 67 पर अब भाजपा कायम हो गई है।पिछले 40 बरस में पहली बार विधान परिषद में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है। कॉंग्रेस को 1982 में सदन में पूर्ण बहुमत मिला था।
विधान परिषद की स्थानीय निकाय खंड की रिक्त 36 सीटों पर हुए द्विवार्षिक चुनाव में 33 पर भाजपा जीती। तीन सीट पर ही विपक्ष जीत सका और वे तीनों निर्दलीय है। इन 36 में से नौ पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीते। अन्य 24 सीटों पर 12 अप्रैल को कराई गई वोटिंग के परिणाम निर्वाचन आयोग ने उसी दिन काउंटिंग के बाद घोषित कर दिए। ये परिणाम प्रदेश के एक बार मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए एक और बड़ा सियासी झटका हैं। सपा एक भी सीट नहीं जीत सकी। सपा के पराजित प्रत्याशियों में गोरखपुर में 2017 में अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ती की कमी से अनेक की हुई मौत के बाद कथित कर्तव्यहीनता के आरोप में योगी सरकार द्वारा जेल भेज दिए गए बहुचर्चित डॉक्टर कफील खान भी है।
भाजपा सिर्फ तीन सीटों पर हारी जिनमें प्रतापगढ़, आजमगढ़ और वाराणसी की सीट शामिल है। मोदी जी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की प्रतिष्ठित वाराणसी सीट पर भाजपा उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे। वहाँ के बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की। बृजेश सिंह ने 2016 के पिछले चुनाव में यह सीट निर्दलीय के रूप में जीती थी। तब भाजपा ने उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था।
आजमगढ़ में भाजपा ही निकाले गए नेता के बेटे विक्रांत की बतौर निर्दलीय जीत हुई। प्रतापगढ़ सीट पर भी भाजपा की हार हुई जहां आपराधिक क्षवि के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक राजा भैया की पार्टी , जनसत्ता दल के अक्षय प्रताप की बतौर निर्दलीय जीत हुई।
विधान परिषद में अब भाजपा के 67 , सपा के 17, बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) के चार, कांग्रेस के एक, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक –एक सदस्य हैं। इनके अलावा दो सीट शिक्षक खंड की है और पांच निर्दलीय हैं। दो सीटें खाली हैं।
यूपी विधान परिषद चुनाव परिणाम एक नजर में
लखनऊ-उन्नाव – रामचंद्र प्रधान- भाजपा
बहराइच-श्रावस्ती- प्रज्ञा त्रिपाठी-भाजपा
रायबरेली -दिनेश प्रताप सिंह – भाजपा
जौनपुर -बृजेश सिंह प्रिंशू जीते भाजपा
देवरिया-कुशीनगर रतनपाल सिंह-भाजपा
बाराबंकी – अंगद कुमार सिंह-भाजपा
आगरा-फिरोजाबाद- विजय शिवहरे –भाजपा
बलिया -रविशंकर सिंह पप्पू – भाजपा
प्रयागराज -डॉ केपी श्रीवास्तव – भाजपा
वाराणसी -अन्नपूर्णा सिंह- निर्दलीय
मेरठ – धर्मेंद्र भारद्वाज – भाजपा
सीतापुर – पवन सिंह चौहान – भाजपा
विशाल सिंह चंचल – भाजपा
मुरादाबाद – सतपाल सैनी –भाजपा
आजमगढ़ – विक्रांत सिंह रिशु – निर्दलीय
गोरखपुर -सीपी चंद – भाजपा
सुल्तानपुर – शैलेन्द्र प्रताप सिंह – भाजपा
बस्ती -सुभाष यदुवंश – भाजपा
फर्रुखाबाद – प्राशु दत्त – भाजपा
झांसी – रमा निरंजन – भाजपा
गोंडा – अवधेश कुमार सिंह- भाजपा
प्रतापगढ़ – अक्षय प्रताप सिंह – निर्दलीय
अयोध्या हरिओम पांडे – भाजपा
फतेहपुर- अविनाश सिंह चौहान-भाजपा
बरेली -महाराज सिंह- भाजपा
सीपी नाम से चर्चित पत्रकार,यूनाईटेड न्यूज ऑफ इंडिया के मुम्बई ब्यूरो के विशेष संवाददाता पद से दिसंबर 2017 में रिटायर होने के बाद बिहार के अपने गांव में खेतीबाडी करने और स्कूल चलाने के अलावा स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं।
भारत की आज़ादी, चुनाव, अर्थनीति, लोकजीवन के किस्से, यूएनआई के मजदूर आंदोलन आदि पर सीपी की कई पुस्तकें.वह क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा मीडिया पुरस्कार और शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान की संस्थापक पीपुल्स मिशन ट्रस्ट के अवैतनिक प्रबंध निदेशक हैं।इसकी कोरोना महामारी पर अंग्रेजी –हिन्दी में 5 और न्यू इंडिया में इतिहास पर 2 किताबों का सेट प्रकाशनाधीन है.सीपी, पीपुल्स मीडिया के भी महासचिव है जिसकी मानवाधिकारों पर किलिंग फील्ड्स ऑफ उत्तर प्रदेश शीर्षक से एक किताब छप चुकी है और उसका स्थापित शहीद शंकर गुहा नियोगी पुरस्कार भी बरकरार है।