प्रयागराज: राजधानी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट इस समय बहुत वीआईपी हो गई है। प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने इस सीट से अपने पुत्र के लिए टिकट मांगा है। दिलचस्प बात तो ये है कि इस सीट से 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ी और भाजपा उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी से 30 हजार से अधिक मतों से हारी अपर्णा यादव ने भी भाजपा ज्वाइन कर लिया है। जाहिर है कि वह किसी न किसी भरोसे पर भाजपा में शामिल हुई होंगी। एक संदेश देने के लिए भाजपा आलाकमान उनको चुनाव लड़ा सकता है। वहीं योगी सरकार के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी इस सीट से मजबूत दावेदार हैं। वहीं कुछ और मजबूत नेता भी इस सीट से दावा कर रहे हैं।
प्रयागराज की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी द्वारा अपने पुत्र मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट सीट के बदले सांसद पद छोड़ने की पेशकश करने के बाद पार्टी नेताओं की जुबां पर एक ही सवाल है कि क्या उनकी यह मांग पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पूरी करेगा।
इस बीच रीता जोशी बीते कई दिनों से दिल्ली में पार्टी नेतृत्व के निर्णय का इंतजार कर रही है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा 85 प्रत्याशियों की लिस्ट में लखनऊ की किसी भी विधानसभा के प्रत्याशी के नाम का एलान न होने की वजह से तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लखनऊ कैंट सीट पर सिर्फ सांसद रीता जोशी ही नहीं, बल्कि पार्टी के कई कद्दावर नेताओं की निगाह है। इस सीट से डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का नाम तो पिछले कई दिनों से चर्चा में है ही, अब मुलायम सिंह की छोटी बहु अर्पणा यादव को भी इस सीट के प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। इस बीच कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक द्वारा भी कैंट सीट में दिलचस्पी दिखाई गई है। वहीं दूसरी ओर सांसद रीता के समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व मयंक को ही टिकट देगा।लखनऊ कैंट के अलावा लखनऊ पश्चिम सीट से भी मयंक जोशी का नाम चल रहा है। उधर सांसद रीता ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र एवं यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद चुप्पी साध ली है। सांसद के मीडिया प्रभारी अभिषेक शुक्ला ने बताया कि रीता अभी दिल्ली में ही है। कहा कि हम सभी को राष्ट्रीय नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास है।