वाराणसी: अपने अड़ियल रैवैये और सत्ता की दलाली में लिप्त प्रशाशनिक अधिकारियों के साथ “यस सर” के तकियाकलाम पर जी रहे मौजूदा कुलपति आनंद त्यागी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन को फटकार लगाते हुये 28 फरवरी 2022 छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित करने का निर्देश दिया है। भाजपा के निर्देश और अखिल विद्यार्थी परिषद के हार के अनुमान को देखते हुये प्रशासन चुनाव ना करवाने पर अड़ा हुआ था। नामांकन के बाद उत्पन्न नौटंकी के विरुद्ध में छात्र कोर्ट चले गये थें।
इधर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में छात्र इस कड़ाके की ठंड में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश पर असमंजस में पड़े होने का बहाना बना कर खुद को बचाने के तरीके ढूंढने में लगा हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिसंबर माह में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। लेकिन छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि प्रकाश चंदन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिसंबर 2021 में प्रदेश सरकार एवं पांच अन्य के खिलाफ छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर शिकायत दायर कर दिया था।जिसकी सुनवाई 17 जनवरी 2022 को हुई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट खंडपीठ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि वर्तमान में विश्वविद्यालय महामारी कोविड-19 के तीसरी लहर के कारण बंद पड़ा है। ऐसी परिस्थितियों में 28 फरवरी तक नए सिरे से छात्र संघ चुनाव करवाने की तारीख के बारे में लिखित निर्देश दर्ज कराएं।
इस संदर्भ में विद्यालय के पी.आर.ओ.डॉ. नवरत्न सिंह ने बताया कि छात्र नेताओं द्वारा विश्वविद्यालय के पोर्टल पर भेजे गए पत्र के माध्यम से कोर्ट का आदेश मिला है। उन्होंने बताया कि आधिकारिक रूप से कोर्ट के आदेश मिलते ही जिला प्रशासन से इस संदर्भ में वार्ता की जाएगी। जिला प्रशासन के निर्देश के आधार पर तिथि घोषित कर माननीय उच्च न्यायालय को भी सूचित कर दिया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव विश्वविद्यालय के लिए नासूर बन गया है। एक तरफ छात्र नेता अनिश्चितकालीन सत्याग्रह स्थल पर बैठे हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन प्रदेश सरकार के दिशा- निर्देश को पालन करते हुए छात्र संघ चुनाव के मामले में टालमटोल कर रही है। तीसरी तरफ कड़ाके की ठंड से कई छात्र बीमार पड़ गए है। चौथी तरफ कोविड-19 की लहर के कारण विश्वविद्यालय में आधे- अधूरे अधिकारी आते हैं।
सूत्रों के अनुसार कड़ाके की ठंड को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी और कुलानु शासक प्रोफेसर निरंजन सहायक एवं सुरक्षा अधिकारीयो की दो राउंड की वार्ता भी विफल हो चुकी है। छात्र नेता अपनी जिद पर अड़े हैं। छात्र संघ चुनाव की तिथि घोषित की जाए। जिसेके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए छात्र संघ चुनाव नासूर बन गया है। सवाल ये हैं कि सत्ता को खुश करें या छात्रों के साथ टकराव को संभाले। स्थिति गंभीर है क्योंकि बच्चों के स्वास्थ के साथ।उनके भविष्य का सवाल भी है। परीक्षाओं के शुरू होने का भी समय हैं।