वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 43 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलपति प्रो.आनंद कुमार त्यागी को जमकर लताड़ लगाई। कुलाधिपति ने कहा कि हम तो NAAC में भी ए प्लस नहीं आते हैं। यह स्थिति चिंता की बात है, इसके लिए हम प्रयास ही न वहीं करते हैं।और जब प्रयास ही नहीं होगा तो कैसे आगे बढ़ेंगे। बताओ राज्यभवन में बुलाकर हमें मार्गदर्शन करना पड़ता है। ऐसा करो वैसा करो, यह काम क्या हमारा है। यह जज्बा होना चाहिए अंदर से कि मेरा विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ बने यह सोच नहीं होगा तब तक श्रेष्ठ विश्वविद्यालय नहीं बनेगा।
यह संकल्प लेने की आवश्यकता है। सभी मेधावी छात्रों को चारित्रिक विकास की सलाह देते हुए कुलाधिपति ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है। विद्यार्थियों के साथ समय निकालकर कोई कुलसचिव एवं अध्यापक साथ बैठे और उनकी समस्याओं से अवगत हो, शिक्षा एक ऐसा आधार है।
जिस पर राष्ट्र का प्रगति निर्भर करता है। आने वाले समय में सब चलता है। यह दृष्टिकोण त्याग कर कठोर शैक्षिक माहौल बनाना होगा। उच्च शिक्षा समाज में परिवर्तन लाने का सबसे प्रमुख घटक रही है। दो दशक में युवाओं के लिए कई नए विश्वविद्यालय खुले हैं, लेकिन चिंता की बात है कि शिक्षण और शोध की गुणवत्ता में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। जो भारत को विश्व के सर्वोत्तम विश्वविद्यालय की श्रेणी में पहुंचाएं। राज्यपाल का इशारा साफ तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति कुलसचिव एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर था। उनका इशारा था कि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी आपकी है। विश्वविद्यालय के हित के लिए है। इसपर काम कौन करेगा।
आनंदीबेन पटेल का साफ कहना था कि आप अपने विश्वविद्यालय के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए छात्रों से शिक्षकों को तालमेल बनाना चाहिए। जिससे कि शिक्षक और छात्र के बीच दूरी को खत्म की जाए। एक अच्छा माहौल बनाया जा सके। लेकिन दूसरी ओर विश्वविद्यालय के आला अधिकारी सम्बद्ध 375 महाविद्यालय से आय का स्त्रोत बना कर कमाई करने में लगे है। क्योंकि प्राइवेट महाविद्यालयों से इन्हें लंबी रकम मिलती हैं। जिससे इनकी जेब गरम हो रही हैं। शिक्षण कार्यों पर कोई ध्यान देने वाला नहीं।
पिछले साल पूर्व कुलपति प्रोफेसर टी.एन.सिंह इस विश्वविद्यालय के स्तर को सबसे निम्न स्तर पर पहुंचा कर गए। जिसके कारण विश्वविद्यालय को सी. ग्रेड प्राप्त हुआ यह चिंता का विषय है। लेकिन विश्वविद्यालय के आला अधिकारी सिर्फ कमाई पर ही ध्यान दे रहे है। विश्वविद्यालय से समद्ध 375 कॉलेज से मोटी रकम के साथ भ्रस्टाचार में इनके हाथ रंगे हुए है।
पिछले कुलपति, कुलसचिव और अब वर्तमान कुलपति, कुलसचिव यह दोनों कहीं ना कहीं इनमें भरपूर लिप्त है। जिसके कारण शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे गिरा है। पिछले 3 वर्षों से लगभगमें शिक्षा का सबसे निचला स्तर पर पहुच गया है। इसका कारण सिर्फ अधिकारियों को पैसे में लिप्त होना और भ्रष्टाचार है।
पिछले दिनों महादेव महाविद्यालय की राजस्व का घोटाला को दबा कर आनंद त्यागी ने मोटे पैसों के बदले नये कोर्स चलाने की अनुमति दी। इस शिक्षा माफिया/ भू माफिया महादेव ने कुलपति के अलावा कुलसचिव के साथ सांठगांठ करके पैसों के बल पर अपनी फ़र्ज़ी फ़ाइल को दबा रखा है। हमारे पास तो पिछले कुलपति साहेब लाल मौर्य और कुलपति का कबूल नामा है जिसमें पैसे लेकर इस कॉलेज को बचाने की बात कही गई है। इस कॉलेज की फ़ाइल तक CAG में आने के बाद विश्विद्यालय में चैन की बंसी बज रही हैं। नये कुलपति अपने पद ग्रहण करने के 2 दिनों के बाद ही सौदे बाजी करने इस महाविद्यालय जा पहुंचे थे। इस महाविद्यालय के फ़र्ज़ी काग़ज़ों को राजभवन के आदेश के बाद आदेश की अवहेलना करते हुए बचाया जा रहा हैं। ऐसे में राज्यपाल का गुस्सा जायज़ हैं।
विश्वविद्यालय का पठन-पाठन का स्तर गिरने का मुख्य कारण है विश्वविद्यालय को व्यवसाय का जरिया बना लिए। यह कुलपति और रजिस्टर के लिए शर्म की बात है, आपका विश्वविद्यालय कास्तर दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है, और आपकी कमाई बढ़ती जा रही है। विश्वविद्यालय कोई कमाई का अड्डा नहीं होना चाहिए इमानदारी से आपको शिक्षा के गुणवत्ता को बनाए रखना आप की नैतिक जिम्मेवारी है जो वर्तमान कुलपति कुल सचिव या पूर्व कुलपति व कुलसचिव ने नहीं नहीं निभाई जिसके कारण विद्यालय का पठन-पाठन का स्तर निम्न स्तर पर चला गया है।
मंच से कुलसचिव को ठोका-
दीक्षांत समारोह के आरंभ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे को ठोक दिया। संचालन के दौरान कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे ने मेडल लेने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि मेडल लेने के बाद झुककर अभिवादन करें। इस बात पर आपत्ति जताते हुए फौरन राजपाल ने कहा कि नहीं यह गलत है, ऐसा मत बोलो कोई झुककर अभिवादन नहीं करेगा सभी केवल नमस्कार करेंगे। गलती सुधारते हुए कुलसचिव ने छात्र-छात्राओं को राज्यपाल का नमस्कार कर मेडल लेने की बात कही।