दिल्ली: देश पिछ्ले दो साल से कोरोना की तबाही झेल रहा है, जिसके कारण लोगों को कम आय, 10 प्रतिशत बेरोजगारी दर और बढ़े खर्चो के कारण परेशानी उठाती महिलाओं और छोटे रोजगार वाले लोगों को होने वाली परेशानी, पहले 10 रुपये की बढ़ोतरी पर महंगाई डायन बन जाती है। लेकिन आजकल की बढ़ी महंगाई मोदी सरकार के ऐशो आराम में मददगार होती हैं। क्योंकि सरकार बड़े तामझाम से अपने चुनाव प्रचार पर आधिकारिक भारत सरकार के फण्ड से कार्यक्रम आयोजित कर रही है। और कुर्बानी आम बेबस आदमी चुका रहा है जिसे अपने बच्चों की स्कूल फीस के साथ बूढ़े माँ और पिता के साथ अपनी रसोई के साधनों पर भी काम करना पड़ रहा है। ऐसे में आज आदतन खासकर नये साल के पहले दिन मोदी सरकार ने लोगों के मुँह का जायका खराब कर दिया है। GST और बढ़ी महंगाई का कड़वा तोहफा सरकार ने आम जनता को दिया है।
इस बढ़ी महंगाई और आम जनता पर पड़ने वाली GST की मार पर कांग्रेस प्रवक्ता और नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा मोदी ही महंगाई हैं।
दिल्ली में आज वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने महंगाई पर बोलते हुये कहा पिछले सात वर्षों की तरह इस वर्ष भी देश की जनता को जो उपहार मोदी सरकार द्वारा दिया जा रहा है, वो है – ‘महँगाई की मार का उपहार’।
सुरजेवाला ने आगे कहा क्या हमें मोदी सरकार को इस बढ़ी महंगाई के लिए धन्यवाद देना चाहिए ? 2022 के पहले दिन ही मोदी सरकार ने हमें नए साल पर महंगाई का झटका दिया है।
महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। नवंबर 2021 में होलसेल प्राईज़ इंडैक्स 14.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था। नए साल में इसका प्रभाव बहुत जल्दी महसूस होने लगेगा। इसलिए नए साल में प्रवेश करते हुए हमें हर सामान, चाहे वो दैनिक उपयोग का हो या सुख-समृद्धि का, रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों, या स्टील, सीमेंट व बिजली, सब पर हमें और ज्यादा पैसा खर्च करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। रोजमर्रा के कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल या एटीएम से पैसे निकालने तक या फिर टोल टैक्स, हर चीज़ महंगी होने वाली है। सुरजेवाला ने कहा ये “मोदी निर्मित महंगाई है” जिसके कारण अब दैनिक जीवन में दिक्कतें आने वाली है।
पहली जनवरी 2022 से महंगाई की जर्द में आने वाले 13 बड़े क्षेत्र है, जिनसे लोगों को परेशानी होने वाली है इसका असर आने वाले दिनों में दिखना शुरू हो जायेगा।
1. कपड़े होंगे ज्यादा महंगे,फिनिश्ड गुड्स जैसे कपड़े, वस्त्र आदि सभी सामान 1 जनवरी, 2022 से और ज्यादा महंगे हो जाएंगे, सरकार इन सामानों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर रही है। 1000 रु. तक की कीमत वाले वस्त्रों पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही, कपड़ों, बुने हुए वस्त्रों, रूमाल, तौलियों आदि तथा आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होज़ियरी आईटम्स जैसे मोजे, टॉवल, सूती साड़ी, इनर वियर, शर्ट-पैंट तथा सिंथेटिक यार्न, कंबल, टैंट, एवं एक्सेसरीज़ जैसे टेबल पर बिछाने वाले कपड़ों आदि पर भी जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस और कांग्रेस शासित प्रदेशों के विरोध के चलते तथा 5 राज्यों के चुनाव सिर पर देखकर कपड़ें के ऊपर लगने वाले टैक्स को अब 28 फरवरी तक टाल दिया गया है।
अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया और चुनाव के बाद लागू किया तो कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा की नौकरी खत्म हो जायेगी। देश में वस्त्रों का 80 फीसदी उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है। वस्त्रों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने से पॉवरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के व्यवसाय व रोजगार के अवसर छिन जाएंगे। सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे व्यापारी होंगे। कच्चे माल जैसे सूत, पैकिंग सामग्री एवं माल ढुलाई के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि से जल्द ही बाजार में कपड़ों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। गारमेंट इंडस्ट्री के मुताबिक 85 फीसदी कपड़ों की बिक्री ₹1000 से कम कीमत की होती है।
2. चैप्टर 50 से 63 जीएसटी कानून में आने वाले टैक्सटाईल की डाईंग या प्रिंटिंग जॉब सेवाओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी (रजिस्टर्ड संस्थाएं)
3.जूते-चप्पलों की भी बढ़ेंगी कीमतें, जूते-चप्पलों (प्रति जोड़ा ₹1000 तक की कीमत वाले) पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। यह गरीब तथा आम जनमानस पर प्रहार है।
4. फूड डिलीवरी सेवाओं तथा रेस्टोरैंट सर्विस के तहत आए ‘‘क्लाउड किचन’’ पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।
5.FMCG (Fast Moving Consumer Goods)
उपभोक्ता वस्तुओं में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी
FMCG उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बढ़ेगी। वो डाबर हो, पारले, ब्रिटानिया, मैरिको या अन्य कंपनियां, सबके सब बिस्कुट से लेकर साबुन तक की कीमतें बढ़ा रहे हैं।
6.एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिए देना होगा और टैक्स, आरबीआई ने निशुल्क ट्रांज़ैक्शन की निर्धारित सीमा पूरी होने के बाद एटीएम से कैश निकालने पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। आरबीआई के मुताबिक, निशुल्क ट्रांज़ैक्शन की सीमा पूरी होने के बाद, बैंक अपने ग्राहकों से ₹21 प्रति ट्रांज़ैक्शन शुल्क की वसूली करेंगे।
7.ऑनलाईन टैक्सी/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी अब पड़ेगी जेब पर ज्यादा भारी, ओला और ऊबर जैसे ऐप एग्रीगेटर्स द्वारा ऑटो रिक्शा की राईड्स बुक करने पर ज्यादा पैसे चुकाने के लिए तैयार हो जाईये। 1 जनवरी से सरकार मौजूदा छूट को समाप्त कर ऑनलाईन ऑटो राईड बुक करने पर 5 प्रतिशत का जीएसटी शुल्क वसूलना शुरू कर देगी।
8.कार या ऑटोमोबाईल खरीदना हो जाएगा महंगा
नए साल, 2022 में मारुति सुजुकी, रेनॉल्ट, होंडा, टोयोटा, और स्कोडा सहित लगभग सभी कार एवं ऑटो कंपनियों की कारें खरीदना और ज्यादा महंगा हो जाएगा। लागत बढ़ने के कारण ऑटो कंपनियां कीमतों में बढ़ोत्तरी करेंगी। टाटा मोटर्स ने 1 जनवरी, 2022 से अपने कमर्शियल वाहनों के मूल्य में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है।
9.सीमेंट की कीमतें बढ़कर हो जाएंगी ₹ 400 प्रति बैग
2021 में भी सीमेंट की कीमतें 15 प्रतिशत – 20 प्रतिशत तक बढ़ीं। हालत यह है कि एक साल पहले तक ₹330/ ₹340 में बिकने वाला सीमेंट का 50 किलो का बैग अब ₹400 पार करने की तैयारी में है।
10. स्टील की कीमत भी आसमान पर पहुँची,साल 2020 से दिसंबर 2021 के बीच स्टील की कीमतों में स्टील कंपनियों ने 215 प्रतिशत वृद्धि की। अकेले नवंबर, 2021 में स्टील कंपनियों ने स्टील की कीमत ₹3000- ₹3500 प्रति टन बढ़ाई। कारण – स्टील उद्योग में कंपटीशन खत्म और अब ये मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ में है – टाटा स्टील, जिंदल स्टील, आर्सलर मित्तल स्टील। मोदी सरकार की मूक सहमति है, कीमतें बढ़ रही हैं और लोग पिस रहे हैं। 2022 में फिर कीमतें बढ़ाने की तैयारी है।
11. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने शुल्क बढ़ाया,
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) खाताधारकों को 1 जनवरी से एक विशेष सीमा के ऊपर कैश निकालने या जमा करने के लिए शुल्क देना पड़ेगा। बेसिक बचत खाते से हर माह 4 बार पैसा निकालना निशुल्क होगा। इसके बाद, हर बार पैसा निकालने पर 0.50 प्रतिशत शुल्क अदा करना होगा।
12.क्लब या एसोसिएशन द्वारा अपने सदस्यों को दी जाने वाली सेवाओं पर पिछली तारीख यानि 1 जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होगा।
13. नर्सरी के बच्चों की ड्राईंग टूल किट पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, अब प्रि-स्कूल बच्चों की ड्राईंग शीट किट पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी किताबों पर जीएसटी नहीं है। पर अगर बच्चों को सिखाने वाली ड्राईंग शीट ज़िल्द की शक्ल में नहीं हैं, तो अजीबोगरीब बात है कि उस पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।