नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पिछले सप्ताह 10वीं कक्षा की परीक्षा में कथित रूप से महिलाओं के बारे में विवादित और एकतरफा सोच को दिखाती व्यवस्था से जुड़ा प्रश्न अंग्रेजी विषय के प्रश्नपत्र में पूछा था। मामलें के सामने आने के बाद हंगामा बढ़ने के बाद CBSE ने इस विवादित अंश से जुड़े प्रश्न पर घुटने टेकते हुये इसे वापस लिया है। बोर्ड ने कहा है कि वह सभी छात्रों के बीच समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रश्न पत्र के सभी सेटों के लिए पास नंबर 1 के लिए पूर्ण अंक प्रदान करेगा।
इस मामलें को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लोकसभा में उठाये जाने और आपत्ति के कुछ घंटों बाद यह कदम उठाया गया, सोनिया गांधी ने इस विवादित प्रश्न के द्वारा महिलाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए शिक्षा मंत्रालय से माफी मांगने को कहा है।
CBSE की तरफ से संयम भारद्वाज, नियंत्रक ने कहा, “11 दिसंबर 2021 को आयोजित सीबीएसई दसवीं कक्षा के प्रथम सत्र की अंग्रेजी भाषा और साहित्य के पेपर के एक सेट में एक भाग, प्रश्न पत्रों की चयन को लेकर बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं है।”
इसे विवाद के सामने आने के बाद विषय के जानकार और विशेषज्ञ समिति के पास भेजा गया था। उनकी सिफारिश के अनुसार, प्रश्न पत्र श्रृंखला जेएसके / 1 के पैसेज नंबर 1 और उससे जुड़े प्रश्नों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है … एकरूपता और समानता सुनिश्चित करने के लिए, सभी के लिए पास नंबर 1 के लिए छात्रों को पूर्ण अंक भी दिए जाएंगे ।
लोकसभा में इस पर बोलते हुये सोनिया गांधी ने कहा: महिलाओं को लेकर इस तरह की सोच बेहद निंदनीय और दोयम दर्जे की है। इस भाग में महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। इस भाग में कहा गया था, ‘स्वतंत्रता प्राप्त करने वाली महिलाएं विभिन्न प्रकार की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का मुख्य कारण हैं’; ‘पत्नियों ने अपने पतियों की बात माननी बंद कर दी और यही मुख्य कारण है कि बच्चे और नौकर अनुशासनहीन हैं’।
गांधी ने कहा, “पूरा प्रश्नपत्र का भाग इस तरह के निंदनीय विचारों से भरा हुआ है और इसके बाद आने वाले प्रश्न भी उतने ही बेतुके हैं।”
मैं छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षाविदों की चिंताओं को समझते हुये अपनी आपत्ति दर्ज कर रही हूं। सीबीएसई द्वारा आयोजित कक्षा 10 की महत्वपूर्ण परीक्षा में इस तरह की महिला विरोधी विचारों के द्वारा प्रश्न तैयार करने पर कड़ी निंदा करती हूं। ये शिक्षा और परीक्षण के मानकों को बेहद खराब तरीके से दर्शाता है और यह एक प्रगतिशील और सशक्त समाज के सभी मानदंडों और सिद्धांतों के खिलाफ जाता है, ”उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित करते हुए कहा।
“सर, मैं शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई से इस सवाल को तुरंत वापस लेने, माफी जारी करने और इस गंभीर चूक की गहन समीक्षा करने का आग्रह करती हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह फिर कभी नहीं दोहराया जाए। मैं यह भी आग्रह करती हूं कि शिक्षा मंत्रालय को पाठ्यक्रम और परीक्षण के लिंग संवेदनशीलता मानकों की समीक्षा करनी चाहिए।
लोकसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान, सोनिया गांधी के बोलते ही विपक्षी नेताओं ने “शर्म करो, शर्म करो” के नारे भी लगाए।