वाराणसी: लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल में कक्षा 3 की बच्ची के साथ शौचालय सफाईकर्मी ने रेप किया है। बच्ची की उम्र 9 साल बताई जा रही हैं। घटना शुक्रवार की है बच्ची स्कूल के सेकंड फ्लोर पर बने शौचालय में गई थीं। जहाँ ये घटना घटी। आरोपी अजय कुमार ने बच्ची को डरा धमकाकर घटना को अंजाम दिया। बच्ची के घर पहुंचने पर बच्ची के कपड़ों पर खून देखकर मां ने पूछा तब मामलें का खुलासा हुआ। बच्ची के पिता ने 112 पर फोन करके पुलिस को सूचना दी, डीसीपी विक्रांत वीर और एसीपी अनिरुद्ध सिंह ने घटना का मुआयना करने के बाद CCTV फुटेज की सहायता से आरोपी को पकड़ा। लेकिन बड़ा सवाल स्कूल प्रबंधकों को लेकर है अभी तक इनपर कारवाई क्यों नहीं हुई ?
घटना के बाद अभिवावकों सिगरा थाने पर हंगामा करने के बाद पुलिस ने तहरीर ली, आरोपी के खिलाफ IPC 376 और पॉक्सो लगाया गया हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधकों को बचाने की कोशिशें चल रही है।
क्या प्राइवेट स्कूलों में इतनी घटिया सुरक्षा व्यवस्था जायज़ है?
कोरोना काल में समाजसेवा का ढोंग कर रहे, सनबीम स्कूल को इतना नहीं पता कि छोटे बच्चों को लेकर क्या सुरक्षा इंतेजाम किये जाने चाहिए। अविभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा का कैसा भरोसा दिया है इस नामचीन पैसा कमाने की मशीन सनबीम ने। क्या इसलिए लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं।
दीपक मधोक का पुराना इतिहास रहा है-
प्रसाशनिक अधिकारी रहें दीपक मधोक का नाम उत्तर प्रदेश के भूमाफियाओं के लिस्ट में सबसे ऊपर था। पूरे बनारस के सरकारी जमीन और तालाबों पर सनबीम स्कूल का कब्ज़ा हैं, 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद पार्टी फण्ड में चंदे के बदौलत इनके पाप धुल गये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपक मधोक को 15 यशस्वी लोगों को बुलाकर मुलाकात की। दीपक मधोक ने इसी का फायदा उठाते हुए इस मामलें को दबाने की पूरी कोशिश है।
आखिर क्यों इस जघन्य अपराध को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मामलें को संभालने की जुगत में है, आखिर किस कानून में लिखा है कि अविभावकों के द्वारा मांग करने पर जांच होंगी , मामलें के संज्ञान में आने के बाद खुद क्यों स्कूल प्रशासन पर सरकार कारवाई करने से बच रही हैं।
पुलिस की भूमिका पर भी सवाल है ? ऐसे मामलों में क्या किया जाना चाहिए, घटना कल की है फिर आज क्यों SIT बन रही हैं। किसका दबाव है उनके ऊपर स्कूल प्रबंधकों को बचाने का।