महोबा, पीएम मोदी-सीएम योगी की सियासी रैली में बाँदा की ऊषा निषाद ने लगाए बालू-माफिया मुर्दाबाद के नारें, बाँदा के दबंग बसपा नेता जयराम सिंह बछेउरा की रुतबेदारी और बाँदा सीओ सदर, एसओ पैलानी उमेश कुमार सिंह की संघठित साज़िश और फर्जी मुकदमेबाजी को किया बेनकाब।
बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिजनों को सम्बल देने के बजाय नारी शक्ति मिशन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कथित होर्डिंग नारों का प्रधानमंत्री के सामने किया अपमान। बाँदा के ग्राम सांडी रहवासी सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा निषाद, सर्वेश निषाद ( कक्षा 9 का छात्र ), पुष्पा निषाद, आकांक्षा निषाद रहवासी ग्राम डिप्पाडेरा तहसील पैलानी व स्नातक छात्र अमित गुप्ता ने रोते हुए बतलाई बाँदा पुलिस प्रशासन के फर्जी मुकदमेबाजी की जमीनी सच्चाई।
किसानों की हितुआ सत्तारूढ़ पार्टी ने प्रधानमंत्री के सामने पीड़ितों की गुहार को किया अनसुना। महोबा प्रशासन ने मीडिया गैलरी से लगी जनता कतार से पीड़ितों को अपने गिरफ्त में लेकर ज्ञापन की फ़ाइल छीन ली ताकि प्रधानमंत्री मोदी और उत्तरप्रदेश के सीएम योगी तक यह आवाज न पहुंचे। गौरतलब है प्रधानमंत्री की आज की महोबा रैली में बाँदा-चित्रकूट मन्डल के सांसद आरके सिंह पटेल,चारों विधानसभा विधायक क्रमशः प्रकाश द्विवेदी, राजकरण कबीर सहित हमीरपुर,महोबा विधायक और सांसद क्रमशः ब्रजभूषण राजपूत उर्फ गुड्डू भैया विधायक चरखारी महोबा, सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल आदि माननीय मौजूद थे। वहीं मंच में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूपी जलशक्ति मंत्री डाक्टर महेंद्र सिंह सहित कद्दावर वीआईपी सुरक्षा से लैस गणमान्य उपस्थित रहे है।
सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा निषाद ने कहा कि न्याय नहीं मिलने तक यह संघर्ष जारी रहेगा। बेगुनाहों और नाबालिक लड़को को बालू माफियाओं ने पुलिसिया सांठगांठ से अपराधी बनाने का चक्रव्यूह रचा है। ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं है। जहां महिला और बेटियां सुरक्षित नहीं, बेगुनाह लड़के अपराधी बनाये जाते हो वहां निर्वाचित राजसत्ता है लोकतंत्र कदापि नहीं है। बतलाते चले कि प्रधानमंत्री आज अर्जुन सहायक बांध परियोजना व दूसरी सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण करने वीरभूमि महोबा पधारे थे।