जापान के शहर टोक्यो में आखिरकार साल 2020 के ओलंपिक आयोजन का समापन हो ही गया। भारत के लिए यह ओलम्पिक एक यादगार आयोजन बन गया है क्योंकि इस ओलम्पिक में भारत ने न केवल अब तक सबसे अधिक पदक जीते हैं बल्कि यह पहला ओलम्पिक है जिसमें भारत ने एथलीट में स्वर्ण पदक भी जीता है। भारत द्वारा जीते गए कुल साथ पदकों में इस एक स्वर्ण के अलावा दो रजत और चार कांस्य पदक भी शामिल हैं।
इस साल 22 जुलाई से 8 अगस्त के बीच आयोजित यह जापान ओलंपिक है तो साल 2020 का वैश्विक खेल आयोजन लेकिन 2020 की शुरुआत में ही जिस तरह कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह जकड़ लिया था उसके चलते पिछले साल यह आयोजन नहीं हो सका था। इस साल इसका आयोजन हुआ तो जरूर लेकिन इस आयोजन का आधे से ज्यादा मजा तो तब जाते रहा जब इसका आयोजन दर्शकों के अभाव में खाली मैदानों में करना पड़ा था। ऐसा करना भी जरूरी था क्योंकि कोरोना जैसी संक्रामक महामारी से बचने के लिए कोविड के सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे सामान्य नियमों का पालन करना भी बहुत जरूरी था। कुल 18 दिन का यह वैश्विक खेल खेल आयोजन इस बार भारत के लिए बहुत ही भाग्यशाली भी साबित हुआ . टोक्यो के इस आयोजन में पहली बार भारत के एक स्वर्ण पदक मिला जिसे दिलाने का श्रेय जाता है भाला फेंक प्रतियोगिता के प्रतिभागी नीरज चोपड़ा को।
इस प्रकार ओलंपिक में भारत को सर्वाधिक मेडल जीतने का सौभाग्य भी इसी ओलम्पिक में मिला है। इस तरह यह टोक्यो ओलम्पिक भारत के लिए ख़ास भी हो गया है। ओलंपिक और ओलंपिक खेलों में भारत की भागीदारी की जब कभी बात होती है तब यह तथ्य जानना भी कम दिलचस्प नहीं होता कि भारत ने सबसे पहले साल 1900 में संपन्न ओलंपिक खेल समारोह में हिस्सा लिया था।
इसका सर्वाधिक रोचक पहलू यह भी है कि इसमें भारत की किसी टीम ने नहीं बल्कि भारत के एकमात्र एंग्लो इंडियन खिलाड़ी नार्मन प्रिजार्ड ही आपने आप में पूरी भारतीय टीम थे। नॉर्मन प्रिचार्ड ने एक एथलीट की हैसियत इस ओलंपिक में न केवल हिस्सा लिया था बल्कि दो खेल मेडल भी जीते थे। ओलम्पिक में भारत ने पहली बार 1920 में अपनी टीम भेजी। उसके बाद भारत में हर ग्रीष्मकालीनओलम्पिक आयोजन में हिस्सा लिया। इसके साथ ही 1964 के बाद भारत ने शीतकालीन ओलम्पिक में भी अनेक बार हिस्सा लिया है इस तरह 2016 में संपन्न पिछले ओलंपिक तक भारत के खाते में कुल 26 पदक आ चुके थे।
ये सभी पदक भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में जीते थे। शीतकालीन ओलम्पिक में भारत को अभी तक कोई पदक नहीं मिला है। टोक्यो ( 2020- 21)ओलम्पिक भी ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक ही है। इस ओलंपिक में जीते गए पदकों को भी शामिल करें तो भारत को ओलंपिक खेल में अब तक 33 पदक मिल चुके हैं . …
ओलंपिक में जीते गए इन पदकों की संख्या को भारत जैसे विशाल देश के सन्दर्भ में बहुत अच्छा तो नहीं कहा जा सकता वो भी तब ,जब भारत ने हॉकी के खेल में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करते हुए 8 बार तो स्वर्ण पदक ही जीते हों। प्रसंगवश यहाँ जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि.1920 से लेकर 1980 के बीच की 60 साल की अवधि के दौरान भारत का हॉकी प्रदर्शन विश्व में बेजोड़ रहा था। इसी अवधि में खेले गए 12 खेलों में भारत ने हॉकी में 11 मैडल जीते थे इनमें 8 तो स्वर्ण पदक ही थे। इस दौरान 1928 से लेकर 1956 तक ओलम्पिक के जो पांच आयोजन हुए थे उनमें भारत ने लगातार पांच बार स्वर्ण पदक जीता था। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारत को भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड, वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और रेसलर रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल दिलाया। वहीं शटलर पीवी सिंधु, रेसलर बजरंग पूनिया. बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन और पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीते। नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त को ओलंपिक खेलों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंक कर दुनिया को स्तब्ध कर दिया. एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है। चोपड़ा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार पहलवान बजरंग पूनिया ने कजाकिस्तान के दौलत नियाज बोकोवा को 8-0 से हराकर कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
जापान में खेले गए विगत 8 अगस्त 2021 को जापान में खेले गए टोक्यो ओलंपिक का रंगारंग समारोह के साथ समापन भी हो गया। करीब तीन हाफ्ते तक इस खेल आयोजन में चले चले गेम्स में भारत ने ओलम्पिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस बार के ओलम्पिक आयोजन को इस पृष्ठभूमि में भी सराहा जाना चाहिए कि कोरोना के गंभीर और खतरनाक संक्रामक माहौल में में भी न केवल ओलंपिक का यह आयोजन हुआ है बल्कि आयोजकों को इस बात के लिए साधुवाद भी दिया जाना चाहिए की उन्होंने इसे एक शानदार और सफल आयोजन के रूप में एक यादगार आयोजन भी बना दिया।
टोक्यो में ओलंपिक मशाल बुझाने के साथ ही इस साल के इस सफल ओलंपिक आयोजन के समापन की घोषणा भी कर दी गई थी। सरकार , संसद और देश की जनता सभी ने टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों के श्रेष्ठ प्रदर्शन की मुक्त कंठ से प्रशंशा की है। ऐसे ही एक मौके पर देश के उपराष्ट्रपति और संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति ने विगत सोमवार 9अगस्त 2021 को सदन की कार्यवाही की शुरुआत में ही टोक्यो गई ओलंपिक टीम का अभिनंदन किया गया और रिकार्ड संख्या में पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को बधाई दी।
इस मौके पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीतकर तालिका में भारत 47वें स्थान पर रहा, जो पूर्व की तुलना में काफी बेहतरीन प्रदर्शन का परिचायक है।