योगेश भारद्वाज: एक तरफ कोरोना दूसरी तरफ रोजगार का सवाल लगातार सरकार से इस मामलें में दखल देने का अनुरोध करते हुए आज कुछ अभ्यार्थियों ने ई-मेल के माध्यम से पत्र भेज कर राष्ट्रपति और राज्यपाल को इच्छामृत्यु देने की मांग की हैं।
55 अभ्यर्थियों ने लिखा राष्ट्रपति और राज्यपाल को इच्छा मृत्यु का पत्र।
इच्छा मृत्यु मांगने वालों में 14 महिलाएं भी शामिल।
आरक्षण घोटाले की पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री तथा बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान। 29 अप्रैल को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकार को भेजी थी आरक्षण घोटाले की रिपोर्ट।
इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की तरफ से अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है 5844 सीटों का आरक्षण घोटाला किया गया हैं, OBC अभ्यर्थियों को नहीं मिला भर्ती में 27% आरक्षण साथ ही SC अभ्यर्थियों को भर्ती में नहीं मिला 21 प्रतिशत आरक्षण का लाभ। सरकार ने 1 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद अभी तक नहीं दिया आयोग को कोई जवाब। इसी घोटालें में पीड़ितों ने आज न्याय के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की हैं।
ऊत्तरप्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को जब लोग मामले की कारवाई के लिए फ़ोन करते है। बदतमीजी और अपशब्दों का इस्तेमाल करते दिखते हैं। नीचे आप ऑडियो में सुने इनकी हेकड़ी-
ये वहीं मंत्री है जिन्होंने अपने सगे भाई को EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनवा दिया था। जबकि मंत्री जी के भाई और भाई की पत्नी दोनों पहले से नौकरी कर रहे थे लेकिन फाइल में ‘गरीब’ बन गये।