नोएडा: तेज़ी से बदलते समय और जरूरतों के हिसाब से अब पॉड टैक्सी को चलाने की योजना में फेरबदल करते हुए इसे फ़िल्म सिटी से जेवर में बनने वाले नोएडा एयरपोर्ट तक चलाने की योजना को अमल में लाने की कवायद शुरू की गई है।पॉड टैक्सी एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक ही नहीं, बल्कि ग्रेटर नोएडा तक चलेगी। इससे यीडा के सभी सेक्टर जुड़ेंगे। ग्रेनो से एयरपोर्ट तक मेट्रो की एक्सप्रेस लाइन बनाने के फैसले के कारण ये सेक्टर अछूते रह गए थे। और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
– डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण
इसे देखते हुए फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई थी।
प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसकी परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को दी जाएगी। पॉड टैक्सी के निर्माण में मेट्रो की तुलना में खर्च काफी कम आता है। प्रति किलोमीटर 50 से 60 करोड़ रुपये खर्च आता है। इस हिसाब से ग्रेनो से एयरपोर्ट तक करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है।
ग्रेटर नोएडा से जेवर तक मेट्रो परियोजना प्रस्तावित की गई। इसमें ग्रेटर नोएडा के साथ ही यीडा के सेक्टरों को जोड़ते हुए रूट प्लान किया गया। ग्रेटर नोएडा से एयरपोर्ट तक करीब 36 किलोमीटर लंबे रूट पर 25 स्टेशन प्रस्तावित कर दिए गए। इससे यीडा के अधिकतर सेक्टर जुड़ गए थे।
ग्रेनो से एयरपोर्ट तक की दूरी तय में करने में करीब एक घंटे का समय लगना था। इससे दिल्ली व नोएडा से आने वाले यात्रियों को दिक्कत होगी। इसे देखते हुए निर्णय हुआ कि एयरपोर्ट मेट्रो रूट को दिल्ली एयरपोर्ट की तरह एक्सप्रेस लाइन बनाया जाए, जिससे यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए ज्यादा समय न लगे।इसके बाद एयरपोर्ट मेट्रो तक कुल सात स्टेशन तय किए गए। इस निर्णय से यीडा के तमाम सेक्टर मेट्रो कनेक्टिविटी से अछूते रह गए। इस बीच फिल्म सिटी से पॉड टैक्सी चलाने का निर्णय हुआ। नोएडा एयरपोर्ट के साथ ही इसे चलाने का लक्ष्य है।
मेट्रो की रिपोर्ट भी डीएमआरसी करेगी तैयार
ग्रेटर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक एक्सप्रेस मेट्रो प्रस्तावित की गई है। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट डीएमआरसी तैयार करेगी। पहले यह जिम्मेदारी एनएमआरसी को दी गई थी, लेकिन डीएमआरसी के पास अनुभव अधिक होने के कारण निर्णय लिया गया है कि इसकी परियोजना रिपोर्ट वही बनाए।
अगले तीन माह में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी, जिससे वास्तविक स्थिति का पता चलेगा कि कितना खर्च आएगा, लेकिन 36 किलोमीटर लंबे इस रूट को बनाने में करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। नोएडा एयरपोर्ट के साथ ही इसे शुरू करने का लक्ष्य है।