भोपाल: मध्यप्रदेश से खबर आ रही है कि धोखे से बिना लोगों को जानकारी दिए कोरोना वैक्सीन का लोगों पर ट्रायल किया गया मामला तब खुला जब लोगों की हालत बिगड़नी शुरू हुई।
सरकार ने पूरे देश में 2 जनवरी से वैक्सीन की ट्रायल की घोषणा की थी। उसके बाद अलग- अलग जगहों से वैक्सीन को लेकर शंका उठनी शुरू हुई। ऐसे में मध्यप्रदेश में भी वॉलेंटियर नहीं मिलने की खबर लोकल स्तर पर चर्चा में बनी हुई थी।
आरोप है पीपुल्स अस्पताल पर की उसने झुग्गी बस्ती के करीब 600 लोगों को बिना बताये वैक्सीन का ट्रायल कर डाला। जब लोग बीमार पड़े और अस्पताल से मदद की अपील की तब जाकर ये मामला खुला अस्पताल ने हंगामा बढ़ने के बाद अपनी टीम को अचानक बस्ती में भेजा।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा- आरोप गलत हैं, फिर भी हम जांच करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक भोपाल की बस्तियों से लोगों को लाकर बगैर जानकारी दिए टीका लगाकर 750 रुपए देकर भेज दिया। लोगों के बीमार पड़ने पर उनसे कागजात भी ले लिए। हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने झूठ बोलकर टीके का ट्रायल किए जाने से इनकार किया है। उधर, आरोपों के बाद अस्पताल की एक टीम बस्ती पहुंची और यहां के लोगों से बातचीत कर रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने बताया कि भोपाल के विदिशा रोड स्थित शंकर नगर में रहने वाले हरिसिंह घर में अकेले कमाने वाले हैं। 7 दिसंबर को उन्हें पीपुल्स अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें बताया गया कि उनकी कुछ जांच होगी। 750 रुपए भी मिलेगा। उसके बाद एक टीका लगेगा। इससे शरीर का खून साफ हो जाएगा और कई दूसरी बीमारियां भी ठीक हो जाएंगी। हरि सिंह से एक कागज पर नाम लिखवाया और फिर टीका लगा दिया।
हरिसिंह ने बताया, ‘उन्होंने कहा था कि कोई परेशानी हो तो यहां आकर बताना। मैंने उन्हें बताया था कि पहले टाइफाइड था। उन्होंने कहा, कुछ नहीं होगा। दूसरी बार गया तो मैंने कहा कि पीलिया हो गया है। उन्होंने एक्स-रे करवाने को कहा। इसके पैसे भी मुझसे लिए। दूसरी जांच कराने को कहा। दूसरी जांच के लिए भी 450 रुपए मांगे। किसी ने कुछ नहीं पूछा और न ही देखा। उसके बाद उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया। मैं मायूस होकर घर आ गया। अब पता नहीं क्या होगा।
लोगों को टीके बारे में नहीं बताया गया
गरीब नगर, शंकर नगर समेत करीब छह बस्तियों के 600 से अधिक लोगों को टीका लगा है। उन्हें अब दिक्कत हो रही है। उनका कोई ध्यान नहीं दे रहा है। प्राइवेट दिखा रहे हैं। लोगों ने मजबूरी में 750 रुपए में टीका लगवाया है। लोगों को टीका के बारे में कुछ नहीं बताया। कोरोना का टीका लगाने का कहा था। किसी ने बाद में फोन नहीं किया।