पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच, केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में फेरबदल किया है और पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका प्रमुख नियुक्त किया है। NSAB में फेरबदल का यह कदम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत बैसरन घाटी में पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
एनएसएबी में अब छह सदस्य होंगे, जिनमें तीन सैन्य पृष्ठभूमि से, दो आईपीएस अधिकारी और एक भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) कर्मी शामिल होंगे।
पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य हैं। सात सदस्यीय बोर्ड में बी. वेंकटेश वर्मा सेवानिवृत्त IFS हैं।
दिसंबर 1998 में पहली बार गठित एनएसएबी, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) को राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर परिप्रेक्ष्य प्रदान करने और एनएससी द्वारा संदर्भित मुद्दों पर उपाय या समाधान और नीति विकल्पों की सिफारिश करने के लिए दीर्घकालिक विश्लेषण करता है।
अंतिम बोर्ड का गठन 2018 में रूस में भारत के पूर्व राजदूत (2014-16) पीएस राघवन की अध्यक्षता में किया गया था।
मालूम हो कि आलोक जोशी के नेतृत्व में एनएसएबी का पुनर्गठन भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन; ये हैं सदस्य-
आलोक जोशी – पूर्व प्रमुख, रॉ (R&AW) – चेयरमैन बनाये गए
एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा – पूर्व वेस्टर्न एयर कमांडर
लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह – पूर्व साउदर्न आर्मी कमांडर
रियर एडमिरल मोंटी खन्ना – पूर्व नौसेना अधिकारी
राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त IPS
मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त IPS
बी. वेंकटेश वर्मा – सेवानिवृत्त IFS और रूस में पूर्व भारतीय राजदूत
ये नियुक्तियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।