केंद्र सरकार ने गुरुवार को बंद कमरे में हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की। सत्तारूढ़ दल के एक नेता ने बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं से कहा, “अगर कुछ गलत नहीं हुआ होता, तो हम यहां क्यों बैठे होते? कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसका हमें पता लगाना होगा।”
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद विपक्षी नेताओं को स्थिति से अवगत कराने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे और इससे व्यापक राजनीतिक एवं सार्वजनिक आक्रोश पैदा हो गया है।
बैठक के दौरान कई विपक्षी दलों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की स्पष्ट विफलता के बारे में सवाल पूछे। सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने पूछा, “सुरक्षा बल कहां थे? केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कहां था?”
इसके जवाब में सरकार ने कथित तौर पर कहा कि स्थानीय अधिकारियों ने अनंतनाग जिले में पहलगाम के निकट बैसरन क्षेत्र को खोलने से पहले सुरक्षा एजेंसियों को सूचित नहीं किया। यह क्षेत्र सामान्यतः जून में अमरनाथ यात्रा के दौरान खोला जाता है, लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने पहले ही इसे खोल दिया।
घटना पर देरी से प्रतिक्रिया के बारे में भी चिंता जताई गई। विपक्ष ने पूछा कि “मदद पहुंचाने में इतना समय क्यों लगा?”
सूत्रों के अनुसार, सरकारी अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल 45 मिनट की चढ़ाई वाली जगह थी और ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मौजूद नहीं थी।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए।
रिजिजू ने कहा, “सभी दलों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार के साथ हैं। सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे। बैठक सकारात्मक रुख के साथ समाप्त हुई।”
उन्होंने कहा,”सरकार की ओर से बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि भारत ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएगा। खुफिया विभाग (IB) और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी कि यह हमला कैसे हुआ और कहां चूक हुई। हम इस बात की जांच करेंगे कि चूक कहां हुई।”
इस बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने भी घटना पर चिंता जताई और सरकार से सख्त कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर में हुए भीषण आतंकवादी हमले के जवाब में कोई भी कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को पूरा समर्थन दिया है।
राहुल गांधी ने कहा, “सभी ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की है। विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है।”
बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत शीर्ष मंत्रियों ने सर्वदलीय बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रमुख संसदीय नेता – राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हुए।
बैठक में सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), सस्मित पात्रा (बीजेडी), लावु श्रीकृष्ण देवरायलु (टीडीपी), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), संजय सिंह (आप), सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी), प्रेमचंद गुप्ता (आरजेडी), टी शिवा (डीएमके) और राम गोपाल यादव (एसपी) भी मौजूद थे।