कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को सोनिया गांधी पर ‘आक्षेप लगाने वाली’ टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। जयराम रमेश ने अपने पत्र में कहा कि अमित शाह ने उच्च सदन में अपने जवाब के दौरान सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के पूर्व नियोजित उद्देश्य से उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं।
राज्यसभा सांसद ने सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे अपने पत्र में कहा, “मैं राज्य सभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 188 के अनुसार गृह मंत्री श्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार के प्रश्न का नोटिस देता हूं, क्योंकि उन्होंने राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया है।”
पत्र में कहा गया है, “भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से उनका उल्लेख किया और उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने ऐसा करने का इरादा किया है। गृह मंत्री ने सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के पूर्व नियोजित इरादे से उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं। गृह मंत्री का बयान पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक है।”
अपने पत्र में आगे रमेश ने अमित शाह द्वारा 25 मार्च को राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर बहस का जवाब देते हुए दिए गए एक बयान का हवाला दिया।
शाह ने कहा था, “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना कांग्रेस के शासन के दौरान की गई थी और पीएम केयर्स फंड की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के शासन के दौरान की गई थी। महोदय, कांग्रेस के शासन के दौरान केवल एक परिवार देश को नियंत्रित करता था।”
किसी का नाम लिए बिना शाह ने दावा किया कि उस समय प्रधानमंत्री राहत कोष में एक कांग्रेस नेता भी शामिल था।
शाह ने कहा था, “कांग्रेस का एक नेता भी इस कोष में शामिल था। आप देश की जनता को क्या जवाब देंगे? आपको लगता है कि कोई भी इसे पढ़ता या देखता नहीं है।”
जयराम रमेश ने अमित शाह के बयान को “विशेषाधिकार का हनन और सदन की अवमानना” बताया।