बिहार के सीवान में जहरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने कहा कि परिवारों को राज्य में शराबबंदी के समर्थन में एक लिखित वचन देना होगा। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि 15 अक्टूबर को जहरीली शराब पीने के बाद लोग बीमार पड़ गए। उन्होंने कहा कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि आठ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि जहरीली शराब सीवान से आई थी और मामले की जांच के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। अधिकारी ने दावा किया कि मामले को लेकर छापेमारी की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पदार्थ के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
सारण SP कुमार आशीष ने बताया, “यह शराब औद्योगिक शराब बताई जा रही है और हम इसके संबंध की जांच कर रहे हैं। लोगों की मौत अवैध शराब के कारण हुई है। बीट पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। SHO और अन्य कर्मियों से पूछताछ की गई है। अगर उनके जवाब असंतोषजनक पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। SIT का गठन किया गया है। पिछले 24 घंटों में हमने 250 छापेमारी की है जिसमें हमने जिले में 1650 लीटर शराब बरामद की है। अब तक 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 8 ज्ञात और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।”
डीजीपी आलोक राज ने कहा, ”अब तक कुल 25 लोगों की जान जा चुकी है। सीवान में 20 और सारण में 5 की मौत हो चुकी है। इस चेन में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मौके पर दोनों जिलों के एसपी और डीएम, सारण के डीआइजी, मद्य निषेध विभाग के सचिव और एसपी भी पहुंचे हैं और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
बिहार CMO ने एक बयान जारी कर कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण जिलों में कल हुई जहरीली शराब की घटना की उच्चस्तरीय समीक्षा की। समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को मौके पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी जुटाने और सभी बिंदुओं पर गहन जांच करने का निर्देश दिया।”
इस बीच, राजद ने बिहार में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों पर एनडीए सरकार की आलोचना की।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “हम कह सकते हैं कि शराबबंदी केवल कागजों पर है। जहरीली शराब से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई है कई लोगों ने अपने आंखों की रौशनी खो दी है। इतनी बड़ी घटना हुई है और मुख्यमंत्री जी ने अभी तक कोई संवेदना प्रकट नहीं की है। ये घटनाएं लगातार हो रही हैं। बिहार में हर जगह शराब उपलब्ध है। सत्ता में बैठे लोग माफिया अधिकारी ये सब कर रहे हैं। ये सत्ता संरक्षित अपराध किया जा रहा है। लोग मरे नहीं है उनकी हत्या की गई है।”
सीवान के पार्षद सुशील कुमार डबलू ने सरकार पर मृतकों की सही संख्या छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घटना में मरने वालों की संख्या 50 के करीब है जबकि इतने ही लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा, “ये बिहार के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम कई बार कह चुके हैं कि बिहार शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं है। लोग होम डिलीवरी कर रहे हैं। शराब माफियाओं से पदाधिकारी मिले हुए हैं। जब तक पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक ये पूर्ण रूप से लागू नहीं होगी। शराबबंदी के राजस्व का नुकसान हो रहा है। मैंने पहले भी है कहा कि शराब की कीमत दोगुनी तीन गुनी बढ़ा कर बेचना शुरू कर दें लोग खरीदना बंद कर देंगे।”
राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, “ये हादसे बार-बार हो रहे हैं। ये पूरा एक सिंडिकेट है। अभी सरकारी आकड़े आए हैं खबर उससे ज्यादा की है। ये सिंडिकेट शराबबंदी के नाम पर चल रहा है। ये सिंडिकेट बहुत ताकतवर है। सरकार अक्षम है। सत्ता के सबसे रसूखदार लोग इसे संरक्षण दे रहे हैं और इसमें गरीब लोग मारे जा रहे हैं।”
इस बीच एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “पिछले 24 घंटों में, हमने जिले में 250 छापे मारे हैं, जिसमें हमने 1650 लीटर शराब बरामद की है। अब तक लगभग 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”