दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों, राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी और कहा कि मामले की जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। सभी आरोपी अपने खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट के आधार पर समन जारी किए जाने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे।
कोर्ट ने ईडी को आरोपियों को चार्जशीट की मुहैया कराने का आदेश दिया है। 25 अक्टूबर को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा।
ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव सहित अभी को पेश होने का आदेश दिया था। ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट ने पेशी के लिए समन जारी करते हुए कहा था कि इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत है।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि बड़े पैमाने पर जमीन का ट्रांसफर हुआ है। कोर्ट ने कहा था कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन को ट्रांसफर किया, जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई। इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे। कोर्ट ने कहा था कि एके इंफोसिस्टम द्वारा बिहार के राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन ट्रांसफर की गई। तेज प्रताप यादव भी लालू परिवार के सदस्य हैं और मनी लॉन्ड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नही किया जा सकता है।
ईडी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है। ईडी का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लोगों से जमीन ली थी।
इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी जांच कर रही है। ईडी ने 100 पेज का सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है। चार्जशीट के साथ 96 दस्तावेज भी दिए गए हैं। इसमें ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी और संजय राय का भी नाम शामिल है। इस मामले में सीबीआई ने अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 6 अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गई थी। अदालत ने तीनों आरोपियों को अपने पासपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया।
लालू प्रसाद यादव, जो 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री थे, पर मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए लोगों को इस शर्त पर भर्ती करने का आरोप था कि वे उनके नाम पर जमीन के पार्सल अपने परिवार या सहयोगियों के नाम पर उपहार में देंगे या हस्तांतरित करेंगे।