उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे राज्य में खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए कई कड़े नियम लागू किए हैं। इन नए उपायों के तहत, शेफ और वेटर दोनों को अब ड्यूटी के दौरान मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा, और होटलों और रेस्तराओं के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों को सभी खाद्य एवं पेय प्रतिष्ठानों पर अपने नाम और पते स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने होंगे, जो कि जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है।
यह घटनाक्रम तिरुपति लड्डू विवाद के बीच हुआ है, जो तब सुर्खियों में आया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसीपी) सरकार पर लड्डू बनाने में पशु वसा और घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान घोषित ये नये नियम देश के विभिन्न भागों में खाद्य पदार्थों के संदूषित होने की चिंताजनक घटनाओं के मद्देनजर लागू किये गये हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:-
हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं।
ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।
खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किये जाने चहिये। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए।
ढाबे/होटलों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।
खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क/ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में गुस्साए स्थानीय लोगों ने एक दुकानदार की पिटाई कर दी थी, क्योंकि उस पर कथित तौर पर ग्राहकों को मूत्र मिले फलों के जूस बेचने का आरोप था।