कोलकाता की एक विशेष अदालत ने सीबीआई को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर लाई डिटेक्टर टेस्ट करने की अनुमति दे दी है।अदालत ने चार अन्य डॉक्टरों पर भी पॉलीग्राफ टेस्ट को मंजूरी दे दी, जो पीड़िता के सहकर्मी थे। अपराध की रात वे उसके साथ थे और उसके साथ खाना खाया था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों ने पांच लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट करने का फैसला किया है। परीक्षण उन लोगों द्वारा दिए गए बयानों के पीछे की सच्चाई को उजागर करता है जिन पर परीक्षण किया जाता है।
इस बीच कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष से सीबीआई 88 घंटे पूछताछ कर चुकी है।
संदीप घोष को लेकर सीबीआई इन एंगल पर जांच कर रही है:
संदीप घोष ने जल्दबाजी में परिवार को क्यों कहा कि उनकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है?
क्या जानबूझकर इस तरह की बात कही गई जिससे हत्या को छुपाया जा सके, सबूत मिटाए जा सकें.
आखिर क्यों पुलिस को जानकारी देने से पहले संदीप घोष ने अस्पताल स्टाफ के साथ मीटिंग की?
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने तुरंत इस्तीफा देकर कही और ज्वॉइनिंग क्यों की?
संदीप घोष से पूछताछ में क्या पता चला है?
-सीबीआई की जांच में यह पता चला है कि बर्खास्त प्रिंसिपल संदीप घोष की ओर से इस मामले में चूक हुई है।
-सीबीआई को इस बात के सबूत मिले हैं कि अपराध स्थल से भी छेड़छाड़ हुई थी।
-सीबीआई ने माना है कि अस्पताल के अधिकारियों की ओर से भी मामले को संवेदनशीलता के साथ संभालने में चूक हुई है।
-सीबीआई का मानना है कि ऐसे मामलों में सभी प्रोटोकॉल जानने के बावजूद, अस्पताल के अधिकारी खासकर बर्खास्त प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष अपराध स्थल की पूरी तरह से सुरक्षा करने में विफल रहे।
-कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने हत्या की जानकारी दिए जाने के बाद भी सक्रियता से काम नहीं किया।
-अस्पताल में हो रहा रिनोवेशन का काम भी सीबीआई की जांच के दायरे में है।
-संदीप घोष से इसी आधार पर पूछताछ की जा रही है।
-एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी भी सीबीआई जांच के दायरे में है।
-इसके अलावा सीबीआई कोलकाता पुलिस द्वारा दी गई समयसीमा की भी जांच कर रही है।
इससे पहले गुरुवार को, ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या पर विरोध के बीच कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉ. संदीप घोष का स्थानांतरण रद्द कर दिया गया।
31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के बाद 12 अगस्त को घोष ने राज्य संचालित आर.जी. के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। महिला का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनल हॉल में मिला था।
इस बीच, घोष पर सिजेरियन सेक्शन के जरिए बच्चे को जन्म देने के 14 दिन बाद ही अपनी पत्नी पर बेरहमी से हमला करने का आरोप लगाया गया है। बारासात में उनके पूर्व निवास पर पड़ोसियों ने उस परेशान करने वाली घटना को याद किया, जो कथित तौर पर लगभग 12 साल पहले हुई थी।