विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बंग्लादेश में उपजे हालातों पर मंगलवार को राज्यसभा को संबोधित किया। जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर बहुत ही कम समय के नोटिस पर भारत आने की मंजूरी का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा, “हमारी समझ यह है कि सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट्स के लोगों के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। बहुत ही कम समय के नोटिस पर, उन्होंने भारत आने की मंजूरी का अनुरोध किया। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर उनके आगमन से पहले, “हमें एक साथ बांग्लादेश में अधिकारियों से उड़ान मंजूरी का अनुरोध प्राप्त हुआ था”।
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उन्होंने कहा, “बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से वहां टेंशन है। बांग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंग्लादेश में हालात नहीं सुधरे और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। 4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े। सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, जो चिंता का विषय है।’
विदेश मंत्री ने कहा, “बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा और गहरा विभाजन और ध्रुवीकरण हुआ है। हम स्थिति सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रख रहे हैं और वे अलर्ट पर हैं। बांग्लादेश में करीब 18 हजार के आसपास भारतीय थे, जिनमें से बड़ी संख्या में छात्र वापस आ गए हैं। वहां 12 से 13 हजार लोग अभी हैं। हिंदू अल्पसंख्यकों के कारोबारी प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले हुए हैं और यह सबसे चिंताजनक बात है। हम ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं और अपने राजदूतों व हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में है।
सूत्रों की मानें तो शेख हसीना अभी कुछ दिन और भारत में रह सकती हैं। इस मामले से परिचित लोगों का कहना है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के ट्रैवल प्लान में बदलाव है और अगले कुछ दिनों तक उनके भारत से बाहर जाने की संभावना नहीं है।
पिछले कुछ हफ्तों में, हसीना को विवादास्पद कोटा प्रणाली पर हिंसक विरोध और व्यापक दंगों के रूप में बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। विरोध प्रदर्शनों ने 300 से अधिक लोगों की जान ले ली। ढाका की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों को “हसीना छोड़ो” लिखे बैनर पकड़े देखा गया। बढ़ते दंगों के कारण अब हसीना ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और ढाका से दिल्ली आ गई हैं।
सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 16 जुलाई को हिंसक हो गया जब छात्र कार्यकर्ता सुरक्षा अधिकारियों और सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ भिड़ गए, जिसके बाद अधिकारियों को आंसू गैस छोड़नी पड़ी, रबर की गोलियां चलानी पड़ी और देखते ही गोली मारने के आदेश के साथ कर्फ्यू लगाना पड़ा। इंटरनेट और मोबाइल डेटा भी बंद कर दिया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद हिंडन एयरबेस पर उतरीं हसीना को एक सेफ हाउस में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। वह भारत से लंदन जाने वाली थीं, लेकिन ब्रिटिश सरकार की ओर से कहा गया कि उन्हें ब्रिटेन में किसी भी संभावित जांच के खिलाफ कानूनी सुरक्षा नहीं मिल सकती है। तो ऐसे में अब वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं। शेख हसीना ने भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना बनाई थी और उनके सहयोगियों ने हिंडन पहुंचने से पहले भारतीय अधिकारियों को इसके बारे में सूचित किया था।