जम्मू-कश्मीर में बढ़ते हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25वें कारगिल विजय दिवस पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत हर आतंकी चुनौती को हरा देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का पहला विस्फोट कर उसके काम की शुरुआत की। शिंकुन ला सुरंग प्रोजेक्ट में 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा। पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
कारगिल युद्ध स्मारक से संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 25 साल पहले न केवल कारगिल युद्ध जीता, बल्कि “सच्चाई, संयम और शक्ति” का अद्भुत उदाहरण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान अतीत में अपने सभी नापाक प्रयासों में विफल रहा है लेकिन आतंकवाद और छद्म युद्ध की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
पीएम ने कहा, “पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। लेकिन आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। आतंकवाद को हमारे जाबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
26 जुलाई 1999 को, भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” की सफलता की घोषणा की थी, जिसमें लद्दाख में लगभग तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से पर पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा किए गए जगहों को पुनः प्राप्त किया गया। युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज लद्दाख की ये महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्रीय के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं। दिन, महीने, वर्ष, सदियां गुजरती हैं, मौसम भी बदलते हैं लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं। ये देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सदा सर्वदा ऋणी है…”
नरेंद्र मोदी ने कहा, “कारगिल युद्ध के समय मैं सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था। आज मैं फिर कारगिल की धरती पर हूं तो स्वाभाविक है वो स्मृतियां मेरे मन में ताजा हो गई हैं। मुझे याद है किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मैं देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं…”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था। हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था। भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।”
पीएम मोदी ने सेना के लिए अग्निपथ भर्ती योजना का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष पर भी हमला किया और कहा कि वे जानबूझकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा सुधारों को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया है।
उन्होंने कहा, “हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं। सेना द्वारा किए गए जरूरी सुधार का एक उदाहरण अग्निवीर योजना भी है। दशकों तक संसद तक अनेक कमेटी तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रहीं। भारत की सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल औसत से अधिक होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है। इसलिए ये विषय वर्षों तक अनेक कमेटियों में भी उठा। लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दी। शायद कुछ लोगों की मानसिकता ही ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना। हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी, देश की सीमाओं को सुरक्षा की गारंटी… अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठी राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ों के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है। ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए। ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है। मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है लेकिन मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज मोदी सरकार के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी? उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल में आएगी और तब तो मोदी 105 साल का हो चुका होगा। क्या तर्क दे रहे हैं? मेरे लिए ‘दल’ नहीं ‘देश’ सर्वोपरि है। हम राजनीति के लिए नहीं राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं।”
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे का विकास और पर्यटन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, “कुछ ही दिन बात 5 अगस्त को धारा 370 का अंत हुए 5 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपने की बात कर रहा है। जम्मू-कश्मीर की पहचान जी-20 समिट की अहम बैठक करने के लिए हो रही है। दशकों बाद कश्मीर में सिनेमाघर खुला है। धरती का हमारा स्वर्ग तेजी से शांति और सौहार्द की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने लद्दाख में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 25 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरी से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इसके बाद वह वहां बने म्यूजिम में गए, जहां सेना के अधिकारियों ने युद्ध के समय इस्तेमाल हथियारों और शहीद होने वाले जवानों की तस्वीरें दिखाईं।
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नेताओं ने बहादुरों को श्रद्धांजलि दी-
25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, पार्टी लाइनों के कई नेताओं ने उन 545 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने 1999 में कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक पोस्ट में कहा, “आज, #KargilVijayDiwas की 25वीं वर्षगांठ पर, हम उन बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद करते हैं, जो 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़े थे। उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को कारगिल विजय दिवस पर मेरा शत्-शत् नमन।उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए देश सदैव ऋणी रहेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कारगिल विजय दिवस सेना के वीर जवानों के शौर्य के अटूट संकल्प का प्रतीक है। कारगिल के युद्ध में वीर जवानों ने हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में पराक्रम की पराकाष्ठा का परिचय देते हुए दुश्मन की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर किया और कारगिल में पुन: तिरंगा लहराकर देश को गौरवान्वित किया। आज “कारगिल विजय दिवस” पर इस युद्ध में अपने साहस से मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीर जवानों को नमन करता हूँ। आपके त्याग, समर्पण व बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं पाएगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी एक्स पर एक पोस्ट में कारगिल युद्ध के नायकों को अपना सम्मान दिया।
उन्होंने लिखा, “25वें ‘कारगिल विजय दिवस’ के अवसर पर हमारे वीर सैनिकों, उनके परिवारों और सभी भारतीयों को बधाई। कारगिल युद्ध में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीरों की शहादत को हम सिर झुकाकर नमन करते हैं। हमें उनके अदम्य साहस व पराक्रम पर गर्व है। जय हिंद।”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “आज ‘कारगिल विजय दिवस’ पर माँ भारती की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर जवानों के अदम्य साहस और त्याग को शत-शत नमन करता हूँ। राष्ट्र की सम्प्रभुता और गौरव को अक्षुण्ण बनाए रखने के संकल्प का पुण्य स्मरण कराने वाले ‘कारगिल विजय दिवस’ की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई। भारतीय सशस्त्र बल के शौर्य, पराक्रम व बलिदान को याद दिलाता यह दिवस हम सभी को सदैव राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की प्रेरणा देता रहेगा।”
25वें कारगिल विजय दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मृतिका युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा, “2017 में प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद राज्य सरकार के नियमों में संशोधन करते हुए हम लोगों ने कुछ व्यवस्थाएं लागू की थीं। आज हम इसलिए अपनी प्रगति के मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि दिन-रात, सुबह-शाम, अपने घर से दूर, सम और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए, हमारा नौजवान भारत की सीमाओं की रक्षा करते हुए पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा है।”