भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस ने इंफाल पूर्वी जिले में कम से कम आठ तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) को निष्क्रिय कर दिया। मणिपुर, नागालैंड और दक्षिण अरुणाचल के रक्षा प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि सेना की एक टुकड़ी को खुफिया रिपोर्ट मिली थी जिसमें छिपे हुए आईईडी की चेतावनी दी गई थी, जिसके बाद एक बम-निरोधक टीम ने 33 किलोग्राम वजन वाले सभी आईईडी को निष्क्रिय कर दिया।
प्रवक्ता ने कहा, “एक त्वरित और निर्णायक संयुक्त अभियान में, भारतीय सेना ने मणिपुर पुलिस के सहयोग से इंफाल पूर्वी जिले के सैचांग इथम इलाके में आठ आईईडी का सफलतापूर्वक पता लगाया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया, जिससे क्षेत्र में एक बड़ी त्रासदी टल गई।”
सेना ने कहा कि किसान और पशु चराने वाले मोइरंगपुरेल और इथम गांवों में काम करते हैं, जहां उन्हें आईईडी मिले।
सेना ने कहा, “इस पुनर्प्राप्ति ने क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे शत्रु तत्वों के नापाक मंसूबों को करारा झटका दिया है।”
गौरतलब है कि सेना और पुलिस ने बीते सप्ताह बुधवार को भी इंफाल पूर्वी जिले से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था।
खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त टीम ने कांगपोकपी और इंफाल पूर्वी जिलों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
प्रवक्ता ने कहा, 72 घंटे लंबे ऑपरेशन में इलाके की जटिलता के कारण गश्ती कुत्तों और विस्फोटक खोजी कुत्तों को तैनात किया गया।
ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 13 लंबी दूरी के मोर्टार, चार बर्मी ‘आयरन रॉड’ (कच्चा मोर्टार), एक आईईडी और एक संशोधित ग्रेनेड लांचर बरामद हुआ।
मालूम हो कि घाटी में प्रभुत्व रखने वाले मैतेई समुदाय और मणिपुर के कुछ पहाड़ी इलाकों में प्रभुत्व रखने वाली कुकी जनजातियों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं। हिंसा ने लगभग 50,000 लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित कर दिया है।