कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर ”हमला” कर रहे हैं और कहा कि यह विपक्ष के नेतृत्व वाले इंडिया गुट को स्वीकार्य नहीं है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी ताकत संविधान को छू नहीं सकती। अपनी संक्षिप्त टिप्पणी देने के बाद उन्होंने पत्रकारों को संविधान की एक पुस्तिका भी दिखाई।
कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री और अमित शाह संविधान पर जो हमला कर रहे हैं वह हमें स्वीकार्य नहीं है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान को हाथ में लिया। हमारा संदेश सभी तक जा रहा है और कोई भी ताकत भारत के संविधान को छू नहीं सकती है।”
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राहुल गांधी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने इसे लोकतंत्र पर “काला धब्बा” कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कल 25 जून हैं। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।”
इससे पहले INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
इंडिया ब्लॉक के सांसद शक्ति प्रदर्शन के लिए सोमवार को संसद परिसर में एकत्र हुए और उन्होंने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन “संविधान बचाओ” के नारे लगाते हुए एक साथ लोकसभा की ओर मार्च किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, द्रमुक के टीआर बालू सहित विपक्षी नेता उस स्थान पर एकत्र हुए जहां कभी गांधी प्रतिमा संसद परिसर में हुआ करती थी।
शक्ति प्रदर्शन के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सांसदों के साथ शामिल हुईं।
हाथों में संविधान की प्रतियां लेकर उन्होंने “संविधान जिंदाबाद”, “हम संविधान बचाएंगे”, “हमारे लोकतंत्र को बचाएं” जैसे नारे लगाए।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर विरोध कर रहे हैं। यहां पर गांधी जी की प्रतिमा थी और हम यहीं पर विरोध कर रहे हैं। हर लोकतांत्रिक नियमों को तोड़ा जा रहा है इसलिए हम बता रहे हैं कि मोदी जी आज संविधान के तहत चलिए।”
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TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “हमारी मांग है संविधान की रक्षा करना। UCC लाया जाएगा। भारत-बांग्लादेश के बीच समझौता में पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाया जाता, एकतरफा सब किया जाता है। संविधान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।”
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “हम इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है, वह संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।”
बता दें कि देश की 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई सांसदों ने शपथ ली। 26 जून को स्पीकर पद पर चुनाव होना है। राष्ट्रपति 27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 28 जून को बहस शुरू होगी। वहीं, 2 या 3 जुलाई को प्रधानमंत्री बहस का जवाब देंगे। यह सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलने वाला है और इन 10 दिनों के दौरान कुल 8 बैठकें होने वाली हैं।