तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस विधायक के कविता ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में उन्हें जारी किए गए समन पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखा है। उन्होंने समन में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए को लागू करने के बारे में बात की और कहा कि इसमें “बिल्कुल कोई तर्क नहीं” है। पत्र में अपनी अत्यावश्यक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए के कविता ने कहा कि वह 26 फरवरी को सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगी।
पत्र में कहा गया है, “इस बात का कोई तर्क, कारण या पृष्ठभूमि सामने नहीं आ रहा है कि कैसे, क्यों और किन परिस्थितियों में आपने सीआरपीसी की धारा 41ए का सहारा लिया है।”
उन्होंने धारा 160 के तहत जारी पूर्व नोटिस के बारे में जांच एजेंसी की जागरूकता के बारे में चिंता जताते हुए अपने खिलाफ जारी समन को वापस लेने का भी अनुरोध किया।
कविता ने कहा, “मेरे राज्य के लोगों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के साथ-साथ मेरी व्यस्तताओं के आलोक में और संसदीय चुनावों के दौरान मेरे राज्य में मेरी व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आप ऐसे नोटिस को स्थगित रखने पर विचार कर सकते हैं।”
बीआरएस नेता ने सीबीआई से लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और दायित्वों से उत्पन्न व्यावहारिक चुनौतियों पर विचार करने की अपील की, जिसमें अगले छह हफ्तों में विभिन्न जिलों में होने वाली कई व्यक्तिगत बैठकें शामिल हैं।
हालाँकि, कविता ने वर्चुअल माध्यम से सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि जांच एजेंसी को प्रश्नों के उत्तर की आवश्यकता होती है या जानकारी मांगी जाती है तो वो वर्चुअल माध्यम से सहयोग कर सकेंगी।
पत्र में कहा गया है, “मैं अपने राज्य के लोगों के प्रति मेरी व्यस्तताओं, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में वस्तुनिष्ठ समझ और सराहना के साथ पूरे मामले पर विचार करने के लिए आपसे विनती कर सकती हूं। मेरा कई व्यक्तिगत बैठकों में भाग लेने का कार्यक्रम है। अगले लगभग 6 सप्ताहों में राज्य के विभिन्न जिलों में मेरा कई व्यक्तिगत बैठकों में भाग लेने का कार्यक्रम है, जिसकी वजह से मैं 26 फरवरी को पेश नहीं हो सकूंगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हालाँकि, अगर आपको किसी प्रश्न का उत्तर देने या मुझसे कोई जानकारी चाहिए होगी तो मैं वर्चुअल मोड से आपके सामने उपस्थित होने के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगी।”
कविता ने इस बात पर स्पष्टता की कमी की ओर भी इशारा किया कि सीबीआई ने अब धारा 41ए सीआरपीसी को लागू करने का विकल्प क्यों चुना है, खासकर जब मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।
पत्र में कहा गया, “जब मामला संबंधित जांच से उत्पन्न पीएमएलए मामले के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, जिसमें एएसजी द्वारा एक निश्चित बयान दिया गया है कि मुझे सुनवाई तक नहीं बुलाया जा सकता है तो यही बात मूलत: और मूल भाव से वर्तमान मामले पर भी लागू होगी।”
अधिकारियों के मुताबिक, कविता को सोमवार को नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। एजेंसी ने इससे पहले दिसंबर 2022 में हैदराबाद में उनके आवास पर उनका बयान दर्ज किया था।