सुप्रीम कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। अदालत ने उनकी रिहाई के खिलाफ याचिका पर यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया। उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने गुरुवार को राज्य की 2018 की छूट नीति का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई का आदेश जारी किया था, क्योंकि उन्होंने 16 साल की सजा पूरी कर ली है।
Supreme Court issues notice on the plea of deceased poetess Madhumita Shukla’s sister against the “premature” release of jailed former UP Minister Amarmani Tripathi and his wife Madhumani Tripathi, who have been serving life sentences at the Gorakhpur district jail for their…
— ANI (@ANI) August 25, 2023
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवि की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। याचिका में कहा गया है कि दंपति ने असंबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशों का हवाला देकर गलत तरीके से रिहाई के लिए अपने आधार में हेरफेर किया था।
यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर दिवंगत कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने कहा, “मैं यूपी के राज्यपाल और यूपी के सीएम से उनकी रिहाई रोकने का अनुरोध करती हूं…वह कुछ भी कर सकता है…क्या होगा अगर उसने मेरी हत्या कर दी, तो इस मामले की पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा?…यूपी में किस तरह की कानून व्यवस्था है?”
#WATCH | Nidhi Shukla, deceased poetess Madhumita Shukla’s sister on the release of former UP Minister Amarmani Tripathi and his wife Madhumani Tripathi, says, "I request the UP Governor and UP CM to stop their release…RTI applications state that Amarmani actually never went to… pic.twitter.com/CV6bs88oAz
— ANI (@ANI) August 25, 2023
अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जेल विभाग ने उनकी उम्र और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 साल के हैं और मधुमणि 61 साल की हैं।
अमरमणि और उनकी पत्नी फिलहाल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
उन्हें कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में अक्टूबर 2007 में देहरादून के विशेष न्यायाधीश/सत्र न्यायाधीश द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच में अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार देते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। उन पर गवाहों को डराने-धमकाने का आरोप लगा और केस देहरादून ट्रांसफर कर दिया गया था।
कौन थीं मधुमिता शुक्ला?
कवयित्री मधुमिता, जो गर्भवती थीं, की 9 मई 2003 को लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमरमणि को सितंबर 2003 में उस कवि की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिसके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे। देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में हत्या के लिए अमरमणि और मधुमणि को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने दंपति की सजा को बरकरार रखा। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की गई थी।
नौतनवा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए अमरमणि 2001 में भाजपा की राज्य सरकार में मंत्री रहे थे। वह मुलायम सरकार के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ थे और फिर बहुजन समाज पार्टी में चले गए थे।