उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय से बड़ी संख्या में लड़कियों के लापता होने से हड़कंप मच गया। स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलीं। इस मामले में विद्यालय की वार्डन सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल में पंजीकृत कुल 100 छात्राओं में से केवल 11 छात्राएं ही रात में परिसर में मौजूद पाई गईं।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सोमवार की रात कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परसपुर का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बटगया, ‘वहां कुल 100 छात्राएं पंजीकृत हैं, लेकिन विद्यालय में केवल 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। 89 छात्राओं की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर वार्डन सरिता सिंह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं।”
डीएम ने कहा, ‘यह गंभीर लापरवाही है। आवासीय बालिका विद्यालय इस तरीके से नहीं चल सकते।” उन्होंने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, विद्यालय में लंबे समय से ऐसी लापरवाही को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद जिला प्रशासन के कान खड़े हुए और डीएम ने आधी रात छापा मारकर विद्यालय प्रशासन को रंगेहाथ पकड़ा। आवासीय स्कूल में पढ़ रही लड़कियों को शिक्षा के साथ रहने खाने-पीने की पूरी सुविधा मुहैया कराई जाती है। उनके लिए सरकार की ओर से समुचित प्रबंध किए जाते हैं। ऐसे में लड़कियों का स्कूल में न पाया जाना गंभीर सवाल खड़े करता है। इन लापता लड़कियों के घरवालों से भी बात की जा रही है, ताकि लड़कियों के स्कूल में न होने की असली वजह सामने आ सके।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रेम चंद यादव ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के निर्देश पर संबंधित धाराओं के तहत स्कूल वार्डन, एक पूर्णकालिक शिक्षक, एक चौकीदार और एक प्रांतीय रक्षा दल (पीआरडी) जवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बीएसए ने बताया कि इसके साथ ही कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है, जबकि ड्यूटी पर तैनात गार्ड के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए जिला युवा कल्याण अधिकारी को अलग से पत्र लिखा गया है।