भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शीर्ष पहलवानों द्वारा अब अदालत में लड़ाई जारी रखने का फैसला किया गया है। शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, “अदालत में लड़ाई जारी रहेगी।”
https://twitter.com/SakshiMalik/status/1673003268190904325?s=20
साक्षी ने ट्वीट में लिखा, ‘सरकार के साथ 7 जून को हुई वार्ता में सरकार ने पहलवानों के साथ जो वादे किए उनपर अमल करते हुए सरकार ने उस कड़ी में महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा महिला उत्पीड़न और यौन शोषण के संबंध में की गई शिकायतों के मामले में छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज FIR की दिल्ली पुलिस द्वारा जांच पूरी करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस केस में पहलवानों की क़ानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता।’
साक्षी आगे लिखती हैं- ‘कुश्ती संघ के सुधार के संबंध में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है, जिसका चुनाव 11 जुलाई को होना तय है। इसके संबंध में सरकार ने जो वादे किए हैं उस पर अमल होने का इंतजार रहेगा।’
मालूम हो कि सरकार के साथ पहलवानों की बैठक में उनसे वादा किया गया था कि 15 जून तक बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया जायेगा।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल, खेल मंत्रालय और डब्ल्यूएफआई के खिलाफ असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका के आधार पर गौहाटी उच्च न्यायालय ने रविवार को कुश्ती संघ के चुनावों पर रोक लगा दी है।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित शीर्ष ओलंपियन नाबालिग सहित सात पहलवान, यौन उत्पीड़न के आरोप में सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। हालाँकि, पुलिस ने “कोई पुष्ट सबूत नहीं” का हवाला देते हुए, सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने की सिफारिश की है। सिंह ने पहलवानों द्वारा उन पर लगाए गए किसी भी आरोप से इनकार किया है।
पिछले हफ्ते जब मलिक के पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान से उनके भविष्य के कदम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हम अभी भी इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं। हम आपको बताएंगे।”
पहलवानों ने यह भी सुझाव दिया था कि एक महिला की अध्यक्षता में डब्ल्यूएफआई की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए। इन सभी प्रस्तावों पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सर्वसम्मति से सहमति जताई थी।