जी-20 के मेहमानों ने देखी पूर्वांचल के हस्तशिल्प की कला, मिलेटस के व्यंजनों को बनाने की विधि भी मेहमानों को दिखाई गई
वाराणसी में चल रही तीन दिवसीय जी-20 देशों की 100वीं कृषि प्रमुख वैज्ञानिक (मैक्स) की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। मीटिंग के तीसरे और अंतिम दिन मेहमानों ने देश के धरोहरों में शामिल पूर्वांचल के हस्तशिल्प की प्राचीन विरासत को देखा। जी-20 के प्रतिनिधिमंडल ने बड़ालालपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में जीआई उत्पाद की प्रदर्शनी, बनारसी टेक्सटाइल, लकड़ी के खिलौने आदि देखे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य कृषि विभाग, आईआरआरआई-एसएआरसी एनडीडीबी, एपीडा संगठनों के प्रमुख संस्थानों की कृषि प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसमें मिलेटस से व्यंजन बनाने की विधि बताई गई।
जी-20 समिट की बैठक के बाद प्रतिदिन मेहमानों को भारतीय दर्शन और धरोहरों से परिचित कराया गया। प्रतिनिधिमंडल को बैठक के बाद टीएफसी का भ्रमण कराया गया। यहां मेहमानों को हस्तशिल्पियों ने लाइव प्रदर्शन करते हुए दिखाया। वहीं मिलेटस के व्यंजनों को भी बनाने की विधि भी लाइव दिखाई गई। जी-20 समिट में आये समृद्धशाली देशों के मेहमान भारत की समृद्ध विरासत से रूबरू हुए। टीएफसी के म्यूज़ियम में अतिथियों ने बनारसी साड़ी के इतिहास को देखा। वहीं काशी के दूसरे हस्तकला की प्रदर्शनियों को देखा। जहां जीआई उत्पाद भी मौजूद थे।
बड़ालालपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में ढेढ़िया और थारू लोक नृत्य से मेहमानों का स्वागत किया गया। रात्रि भोजन के साथ संतूर व सारंगी के मधुर वादन के साथ जी -20 देशो के मेहमानों के लिए विदाई भोज का आयोजन हुआ।