आईआईटी-बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में उनके पिता ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को एक पत्र लिखा है और उनसे जातिगत भेदभाव के दृष्टिकोण से मामले की जांच करने का अनुरोध किया है। पत्र में दर्शन सोलंकी के पिता रमेश का दावा है कि जब उनका बीटा आईआईटी बॉम्बे का छात्र था, तब उसको उसकी जाति के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। पिता ने अपने बेटे के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की क्लोन प्रतियां परिवार को लौटाने की भी मांग की है।
पत्र में इस बात को लेकर आशंका जताई गई है कि परिवार के सदस्य द्वारा एसआईटी को इस संबंध में पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराने के बावजूद जातिगत भेदभाव की घटना को जांच में दरकिनार कर दिया गया।
गौरतलब है कि गुजरात के अहमदाबाद निवासी 18 वर्षीय दर्शन सोलंकी की 12 फरवरी को छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने एक नोट बरामद किया था जिसमें एक हॉस्टल मेट द्वारा उत्पीड़न का उल्लेख है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कथित सुसाइड नोट में सोलंकी ने एक अन्य छात्र अरमान इकबाल खत्री पर विवाद के बाद उसे परेशान करने और धमकी देने का आरोप लगाया है।
छात्र के मंजिल से कूदने को लेकर जहां एक ओर आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है वहीं,परिवार अपने बेटे की आत्महत्या को मानने को तैयार नहीं है। परिवार इसे आत्महत्या नहीं मान रहा है।
इस मामले में परिवार ने अनुरोध किया है कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए और जातिगत भेदभाव के दृष्टिकोण को जांच से नहीं हटाया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उनकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाए और उनके बेटे को न्याय मिले।